बीस यात्री होने के बाद ही चली पीआरटीसी की बसें
राज्य सरकार के निर्देश पर शनिवार को पीआरटीसी की गिनती की बसें ही राज्य के विभिन्न मार्गों के लिए चलीं।
जागरण संवाददाता, बठिडा : राज्य सरकार के निर्देश पर शनिवार को पीआरटीसी की गिनती की बसें ही राज्य के विभिन्न मार्गों के लिए चलीं। बस स्टैंड पर सुबह से सन्नाटे की स्थिति बनी हुई थी। बसें विभिन्न मार्गों के लिए चलीं, लेकिन यह बीस यात्रियों के होने पर ही चल पाईं। बेशक राज्य सरकार की तरफ से हर आधे घंटे के बाद बसें चलाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निर्धारित 20 की संख्या न होने के कारण निर्धारित आधे घंटे के बाद बसें नहीं चल सकीं। कई मार्गों पर बस चलाने के लिए 20 यात्रियों का इंतजार करने के लिए दो-दो घंटे का इंतजार करना पड़ा। श्री मुक्तसर साहिब के लिए बस चलाने के लिए तो यह स्थिति दिन भर ही बनी रही।
बस स्टैंड पर सुबह से सन्नाटा बना हुआ था। हालांकि सरकारी पीआरटीसी की बसें अधिकतर काउंटरों पर लगी हुई थीं। लेकिन उनमें यात्री इक्का-दुक्का ही थे। बस अड्डे पर स्थित कर्मचारियों के विभिन्न कार्यालय स्प्रे करके सैनिटाइज्ड किए जा रहे थे। बसों में भी सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा था। चाहे आधे घंटे बाद बस चलाने का निर्णय राज्य सरकार ने किया था, लेकिन बसों में यात्रियों की संख्या नाममात्र होने के कारण बसें निर्धारित आधे घंटे के समय से दो घंटे तक ही चल पाई हैं।
बठिडा बस स्टैंड से लुधियाना, अमृतसर, अबोहर, फरीदकोट, फिरोजपुर, रामपुरा, बरनाला, संगरूर, पटियाला, मानसा, तलवंडी साबो, डबवाली आदि लगभग सभी मार्गों के लिए ही बसें चलाई जा रही थीं, लेकिन चंडीगढ़ जाने के लिए बठिडा डिपो की बसें केवल पटियाला तक ही चलाई गई हैं। चंडीगढ़ डिपो की कई बसें चंडीगढ़ तक भी गई हैं। बस अड्डे पर तैनात पीआरटीसी का स्टाफ बस में प्रत्येक सीट पर एक ही सवारी को बैठने तथा उन्हें मास्क या अपने रूमाल के साथ मुंह ढंकने के निर्देश देते रहे। हालांकि अधिकतर यात्री खुद भी अपना मुंह ढककर ही बस में बैठ रहे थे। डिपो से पंजाब के अलावा अन्य किसी भी राज्य के लिए बस नहीं चली। निजी कंपनियों की बसें पूरी तरह से ही बंद रहीं।