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कच्चे मुलाजिम आज से नहीं चलाएंगे बस, पीआरटीसी ने कहा- पक्के कर्मियों से चलवाएंगे

पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के कचे मुलाजिम मंगलवार से हड़ताल पर रहेंगे और बसें नहीं चलाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:45 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 05:45 AM (IST)
कच्चे मुलाजिम आज से नहीं चलाएंगे बस, पीआरटीसी ने कहा- पक्के कर्मियों से चलवाएंगे
कच्चे मुलाजिम आज से नहीं चलाएंगे बस, पीआरटीसी ने कहा- पक्के कर्मियों से चलवाएंगे

जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम मंगलवार से हड़ताल पर रहेंगे और बसें नहीं चलाएंगे। हालांकि पीआरटीसी ने पक्के मुलाजिमों से रूटीन की तरह बसों को चलाने का भरोसा दिया है, लेकिन कच्चे मुलाजिम कोई हंगामा न करें, इसको रोकने के लिए पीआरटीसी के बठिडा डिपो के अधिकारियों ने एसएसपी को पत्र लिखा है। इसके अलावा पीआरटीसी की ओर से अपने अधिकारियों की छुट्टियों को भी रद कर दिया गया है।कच्चे मुलाजिम जहां उन्हें पक्का करने की मांग कर रहे हैं, वहीं गत तीन दिसंबर को बस स्टैंड बंद करने के मामले में दर्ज किए गए केस भी रद करने की मांग कर रहे हैं। बठिडा डिपो में कुल 190 बसें हैं। इसमें 112 बसें पीआरटीसी की अपनी हैं तो 20 सिटी बसें हैं। इनको अब ग्रामीण रूटों के अलावा छोटे रूटों पर चलाया जा रहा है। इसके अलावा 38 बसें किलोमीटर स्कीम, पांच ग्रामीण, सात ग्रामीण किलोमीटर स्कीम व आठ एचवीएसी बसें हैं, जिनका अब संचालन प्रभावित हो सकता है। मुलाजिम यूनियन के प्रधान गुरसिकंदर सिंह ने बताया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, उनकी हड़ताल जारी रहेगी। बठिंडा डिपो का 60 फीसद स्टाफ ठेके पर कर रहा काम

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बठिडा डिपो में कुल 210 ड्राइवर व 288 कंडक्टरों के अलावा 79 वर्कशाप के मुलाजिम व 24 एडवांस बुकर हैं। इनमें 60 फीसद स्टाफ ठेकेदार के अधीन काम करता है, जिसने हड़ताल की चेतावनी दी है। इसके चलते बसों का संचालन काफी हद तक प्रभावित हो सकता है। हालांकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बस सेवा को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। दूसरी तरफ कच्च कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि पक्के मुलाजिमों ने उनका साथ न दिया और बसों का संचालन किया तो आगे भी उनसे ही बसों का संचालन करवाया जाए। क्योंकि सबसे ज्यादा काम कच्चे कर्मी ही करते हैं। यात्रियों को झेलनी पड़ेगी परेशानी सरकारी बसों में सुबह व शाम नौकरीपेशा लोग सफर करते हैं, जिनके पास बने होते हैं। अब उनको निजी बसों का सहारा लेना पड़ेगा। वहीं दिन भर बसों में फ्री सफर करने वाली महिलाओं को भी अब प्राइवेट बसों किराया खर्च कर जाना पड़ेगा। पीआरटीसी के बठिडा डिपो की हर रोज की आमदन भी 20 लाख रुपये के करीब है, जिसके प्रभावित होने का अनुमान है। हड़ताल गैरकानूनी, ड्राइवरों और कंडक्टरों पर होगी कार्रवाई: जीएम

उधर, बठिंडा डिपो के जीएम रमन शर्मा ने कहा कि कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल गैर कानूनी है। इसके लिए ड्राइवरों व कंडक्टरों पर कार्रवाई भी की जाएगी। वे हड़ताल करेंगे तो पक्के मुलाजिमों से बसों का संचालन करवाया जाएगा। अगर इनको किसी ने रोकने के कोशिश की तो उसके लिए पुलिस का सहयोग लिया जाएगा। इसको लेकर एसएसपी को पत्र भी लिखा गया है। पीआरटीसी की बस सर्विस को बंद नहीं होने दिया जाएगा।


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