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ऊंट पर लादकर लाए लारों की गठरी, थर्मल प्लांट के आगे फूंकी

विभिन्न संगठनों के सहयोग के साथ वीरवार को राज्य सरकार के वादों की गठरी फूंक प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 04:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 04:30 PM (IST)
ऊंट पर लादकर लाए लारों की गठरी, थर्मल प्लांट के आगे फूंकी
ऊंट पर लादकर लाए लारों की गठरी, थर्मल प्लांट के आगे फूंकी

जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब यूटी मुलाजिम, पेंशनर्स फ्रंट तथा क्लेरिकल कर्मचारियों के साझा आह्वान पर गुरु नानक देव थर्मल प्लांट इंप्लाइज फेडरेशन की ओर से विभिन्न संगठनों के सहयोग के साथ वीरवार को राज्य सरकार के वादों की गठरी फूंक प्रदर्शन किया गया। वादों की यह गठरी ऊंट पर लादकर लाई गई, जिसका मतलब यह था कि राज्य सरकार के लारों की गठरी इतनी भारी हो चुकी है कि उसे ऊंट पर रखकर लाना पड़ा। बाद में इसे थर्मल प्लांट के गेट पर आग के हवाले करके रोष प्रदर्शन किया गया। रोष प्रदर्शन में बड़ी गिनती में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। थर्मल फेडरेशन के प्रधान गुरसेवक सिंह संधू, पेंशनर यूनियन के प्रधान भोला सिंह मलूका, टेक्निकल सर्विस यूनियन लहरा मोहब्बत के प्रधान मेजर सिंह दादू तथा ठेका मुलाजिम संघर्ष कमेटी के प्रधान गुरविदर सिंह पन्नू ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुलाजिमों की मांगों को तुरंत लागू किया जाए नहीं तो वे सरकार के साथ आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो चुके हैं। खजाना मंत्री मनप्रीत सिंह बादल कोविड-19 के बहाने मुलाजिम जमात का आर्थिक नुकसान कर रहे हैं। पहले 200 रूपये जजिया टैक्स लगाया और अब कर्मचारियों का 50 प्रतिशत मोबाइल भत्ता कटौती करके कर्मचारियों जख्मों पर नमक छिड़का है। पंजाब सरकार की ओर से प्रदेश के कर्मचारियों का 142 महीने का डीए का बकाया जारी नहीं किया जा रहा, 16 प्रतिशत डीए जारी नहीं किया जा रहा, छठे वेतन कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की जा रही, हर तरह के कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल नहीं की जा रही, सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद करके बिजली ढांचा प्राइवेट कंपनियों के हवाले किया जा रहा है। इससे बिजली और भी महंगी हो जाएगी। खेतीबाड़ी के लिए किसानों को मिलती सब्सिडी तथा एससी बीसी वर्ग को घरेलू प्रयोग के लिए मिलते 200 मोस्ट यूनिट भी बंद हो जाएंगे। बठिडा थर्मल को पराली पर कन्वर्ट करके चलाने के लिए बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के फैसले को पंजाब के वित्त मंत्री अपने निजी हितों के लिए लागू नहीं होने दे रहे। नेताओं ने कहा कि सरकार कारपोरेट घरानों के समर्थक मोंटेक सिंह आहलूवालिया कमेटी की रिपोर्ट उजागर करके आम लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। इस दौरान नेताओं ने संघर्ष को और भी तेज करने का आह्वान करते हुए यह भी कहा के 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खास करके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह तथा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कड़ा विरोध किया जाएगा उन्हें विधानसभा की सीढि़यां नहीं चढ़ने दिया जाएगा।

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इस मौके पर राजेंद्र सिंह निम्मा, जसविदर सिंह बराड़, रघुबीर सिंह सैनी, बाबू सिंह रोमाणा, राज कुमार, सूबा सिंह मत्ता, सुख राम परमार, रामेश्वर सिंह, दूधनाथ, अनिल कुमार आदि ने भी संबोधित किया।


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