वित्तमंत्री को दिखाई काली झंडियां, आठ बिजलीकर्मी हिरासत में
शिरोमणि अकाली दल के बागी पार्षदों एवं अन्य नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने के लिए गोल डिग्गी स्थित सुभाष मार्केट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बिजली कर्मियों ने वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल को काली झंडियां दिखाई और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जासं, ब¨ठडा : शिरोमणि अकाली दल के बागी पार्षदों एवं अन्य नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने के लिए गोल डिग्गी स्थित सुभाष मार्केट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बिजली कर्मियों ने वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल को काली झंडियां दिखाई और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शाम को चार बजे आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अंत में वित्तमंत्री मनप्रीत ने जैसे ही बोलना शुरू किया तो सामने स्थित माल रोड पर एकदम से करीब 60 बिजली कर्मचारी पहुंचे और उन्हें काली झंडियां दिखाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कार्यक्रम स्थल पर तैनात पुलिस कर्मियों ने इस दौरान बिजली कर्मियों की यूनियनों के आठ नेताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाना कोतवाली ले गए। हिरासत में लिए नेताओं में प्रधान गुरसेवक ¨सह, न¨गदर ¨सह व अन्य नेता शामिल हैं। उधर, नेताओं को हिरासत में लेने से गुस्साए बिजली कर्मियों ने शाम को थाना कोतवाली को घेर धरने पर बैठ गए। बिजली कर्मियों ने अपने प्रदर्शन को अपना अधिकार करार देते हुए नेताओं को हिरासत में लेने की कड़ी ¨नदा की। उन्होंने कहा कि जब तक बिना शर्त उनके नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, वे धरने से नहीं उठेंगे। करीब पौने आठ बजे बिजली कर्मियों के रिहा होने के बाद ही उनका धरना समाप्त हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पीएसइबी ज्वाइंट फोरम के आह्वान पर बिजली कर्मियों की ओर से राज्य भर में मंत्रियों व चेयरमैन को काली झंडियां दिखाने का प्रोग्राम बनाया गया है। बंद किए थर्मल प्लांट को दोबारा चालू करने, पंजाब सरकार के बराबर पे बैंड देने, डीए की किश्तों का बकाया देने, पे कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने, पेंशन स्कीम बहाल करने, अस्थायी मुलाजिमों को पक्के करने की लंबे समय से मांग की जा रही है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके चलते ही रोष स्वरूप ज्वाइंट फोरम की ओर से मंत्रियों व चेयरमैनों को काले झंडे दिखाने के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
धरने बिजली कर्मियों की तमाम यूनियनों के अलावा, जम्हूरी अधिकार सभा, किसान-मजदूर जत्थेबंदियों के कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न अध्यापक यूनियनों के प्रदर्शन भी शामिल थे।