सीएचसी नथाना में एसएमओ के खिलाफ धरना
कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) नथाना के कर्मचारियों ने वीरवार को सीनियर मेडिकल अफसर (एसएमओ) संदीप सिगला के खिलाफ अस्पताल में धरना लगाया।
संवाद सूत्र, नथाना: कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) नथाना के कर्मचारियों और भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के सदस्यों ने वीरवार को सीनियर मेडिकल अफसर (एसएमओ) संदीप सिगला के खिलाफ अस्पताल में धरना लगाया और उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों और मरीजों को परेशान करने का आरोप लगाया।
धरने में भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां के बलजीत सिंह पूहला, लखबीर सिंह, राम रतन सिंह, लोक मोर्चा के जिला नेता गुरमुख सिंह नथाना, डा. सतविदर सिंह, स्टाफ नर्स ऊषा और मनजिदर सिंह सेमा ने कहा कि एसएमओ संदीप सिगला के खिलाफ पहले ही महिला कर्मचारिओ को अपशब्द बोलने और दुर्व्यवहार करने के मामले की जांच चल रही है। एसएमओ उनकी ड्यूटी करने में मुश्किलें पैदा करते रहते हैं। अब हालात बद से बदतर हो चुके हैं। वह मरीजों और उनके रिश्तेदारों से भी सही से बात नहीं करते। साथ ही उनके खिलाफ चल रही जांच को इसी कारण लटकाया जा रहा है, क्योंकि उनकी पत्नी व भाई बठिडा सिविल सर्जन दफ्तर में ऊंचे पदों पर विराजमान हैं। इस करके डा. सिगला के खिलाफ किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने मांग की कि डा. सिगला को बर्खास्त कर विभागीय कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा न हुआ तो इंसाफ के लिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
एसएमओ के कहने पर काट दी बिजली: स्टाफ नर्स
स्टाफ नर्स ऊषा ने कहा कि रात में अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन नन्नी ने एसएमओ संदीप सिगला के कहने पर उनके ड्यूटी करने की जगह की बिजली सप्लाई काट दी। इस कारण उसे व मरीजों को अस्पताल के बाहर अंधेरे और गर्मी में रात गुजारनी पड़ी। अगर महिला स्टाफ के रूप में उनके साथ कोई अनहोनी हो जाती तो उसको जिम्मेदार कौन था। मरीज से कहा, एसी की सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल जाओ
महिला मरीज के साथ आए पप्पू सिंह वासी गुमटी ने आरोप लगाया कि उनके मरीज का बड़े आपरेशन से बच्चा हुआ था। जच्चा-बच्चा वार्ड में मां और बच्चा आराम कर रहे थे कि एसएमओ संदीप सिगला ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और एसी बंद करवा दिया। साथ ही कहा कि अगर एसी की सुविधा चाहिए तो प्राइवेट अस्पतालों में चले जाओ।
गलती का एहसास करवाने पर नारेबाजी करने लगता है स्टाफ: एसएमओ
एसएमओ डा. संदीप सिगला ने कहा कि सरकार ने उन्हें सीएचसी नथाना को सही ढंग से लाने की जिम्मेदारी दी है। अगर वह स्टाफ से अस्पताल को मैनेज रखने में उनकी गलती का एहसास करवाते हैं या उन्हें टोकते हैं तो उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू हो जाती है। जहां तक बिजली काटने का सवाल है तो सरकारी अस्पताल का साढ़े सात किलो वाट का जेनरेटर मुख्य रूप से कोरोना वैक्सीन को सही रखने के लिए पावर बैकअप के रूप में लगाया गया था। इसी से अस्पताल में बिजली जाने पर पंखे चलाए जाते हैं। आपरेशन के समय भी इसी से काम लिया जाता है। जब स्टाफ लाइट चले जाने पर जेनरेटर पर एसी चलाता है तो ही उन्हें एसी बंद करने को कहा जाता है। उन्होंने रात के समय वार्ड की बिजली नहीं, बल्कि एसी की तार कटवाई थी। मरीजों के साथ आए रिश्तेदार खाना खाकर आरओ के सामने ही सब्जी रोटी फेंक देते हैं। अगर उनसे वहां साफ-सफाई रखने को कहा जाता है तो वे भी बुरा मान जाते हैं।