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पहले ही दिन फेल हुई फास्टैग की लाइनें, चार में से दो रही बंद

15 दिसंबर से देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर देने के बाद बठिडा-चंडीगढ़ रोड स्थित गांव लहरा बेगा के टोल प्लाजा पर पहले ही दिन लंबी लंबी लाइनें देखने को मिली।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 11:54 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 06:10 AM (IST)
पहले ही दिन फेल हुई फास्टैग की लाइनें, चार में से दो रही बंद
पहले ही दिन फेल हुई फास्टैग की लाइनें, चार में से दो रही बंद

साहिल गर्ग, बठिडा : 15 दिसंबर से देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर देने के बाद बठिडा-चंडीगढ़ रोड स्थित गांव लहरा बेगा के टोल प्लाजा पर पहले ही दिन लंबी लंबी लाइनें देखने को मिली। टोल पर कुल पांच लेन है, जिसमें चार फास्टैग की तो एक कैश व फास्टैग की कॉमन लेन है। मगर फास्टैग की पहले ही दिन चार में से दो लेन बंद रही। इसके तहत एक लेन को तो टोल प्लाजा द्वारा बंद किया गया है तो दूसरी लेन का स्कैनर खराब है। यह कभी फास्टैग को स्कैन कर लेता है तो कभी नहीं। ऐसे में जब लोग इस लेन से गुजरने लगते हैं तो उनका फास्टैग स्कैन नहीं होता। इस कारण वह आगे नहीं जा पाते, जिसके चलते पीछे से आ रहे वाहनों की लंबी लाइने लग गई। इन हालातों में सभी वाहन चालकों को पहले तो अपने वाहन पीछे करने पड़ते, जिसके बाद उनको अन्य लेन से होकर गुजरना पड़ता। जिसके चलते रविवार को टोल पर सारा दिन ही ऐसे होता रहा।

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गांव लहरा बेगा के टोल प्लाजा के अधिकारियों के अनुसार यहां से हर रोज एवरेज 10 हजार वाहन गुजरते हैं। ऐसे में जब कैश वाले वाहन फास्टैग वाली लेन में चले जाते हैं तो उनसे वहां पर डबल टोल देने के लिए बोला जाता है। इसके बाद उनको वापिस आकर कैश वाली लेन से जाना पड़ता है। मगर इस सारे प्रोसेस के बीच पीछे से आने वाले फास्टैग वाले वाहनों को परेशानी होती है। जबकि डबल टोल देने के नाम पर कुछ लोगों की टोल प्लाजा के मुलाजिमों के साथ बहसबाजी भी हुई। मगर वहां पर तैनात सिक्योरिटी के समझाने के बाद वह कैश वाली लेन से निकले। वहीं लोग भी फास्टैग लगवाने से खुश नहीं है, जिनको हमेशा ही अपने पैसे कटने का डर रहता है। जिनका कहना है कि पहले ठीक था, वह कैश देकर पर्ची तो कटवा लेते थे।

फास्टैग न चलने पर अधिकारी

नहीं ले रहे जिम्मेवारी

टोल प्लाजा पर सरकारी टैग न पहुंचने के कारण प्राइवेट कंपनी पेटीएम व एयरटेल मनी द्वारा अपने-अपने काउंटर लगाकर वाहनों पर फास्टैग लगाए गए। लेकिन वह टैग अभी तक सही ढंग से काम नहीं कर रहे, जिसके लिए अधिकारी भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। इसको लेकर टोल प्लाजा से गुजरने वाले रामपुरा के सुखदेव सिंह ने बताया कि उनके द्वारा अपनी गाड़ी पर 2 दिसंबर को टैग लगवाया गया था। मगर वह आज तक नहीं चला, जबकि वह 2 दिसंबर से अब तक कई बार टोल गुजर चुके हैं। लेकिन हर बार उनको पैसे ही देने पड़ते हैं। इसी प्रकार का मामला पवन कुमार के साथ हुआ, जिन्होंने बताया कि पैसे होने के बाद भी उनकी गाड़ी का फास्टैग स्कैन नहीं हुआ। दूसरी तरफ इस बारे में टोल प्लाजा के मैनेजर मनोज कुमार ने बताया कि यह प्राइवेट कंपनी का टैग है, इसके बारे में वह कुछ नहीं कह सकते। जिसको कंपनी द्वारा ही चलाया जाएगा। जबकि कई बार कम बैलेंस होने के कारण भी टैग स्कैन नहीं हो पाता। शाम छह बजे तक 2061

वाहन फास्टैग से निकले

चित्र- 16ए,49

बठिडा-चंडीगढ़ रोड स्थित गांव लहरा बेगा के टोल प्लाजा से शाम छह बजे तक 7055 वाहन गुजरे। इसमें 2061 वाहन ही फास्टैग से निकले। जबकि बाकी के सभी वाहन कैश वाले थे। इस कारण कई वाहन चालक जिनके पास फास्टैग नहीं था, वह जल्दबाजी में 60 की बजाय 120 रुपये डबल टोल देकर आगे गए। जबकि शाम छह बजे तक निकलने वाले वाहनों में सबसे ज्यादा गिनती कार जीप की 5540 थी। वहीं टोल प्लाजा के अधिकारी रविदर कुमार ने बताया कि उनके द्वारा ज्यादा भीड़ को देखते हुए बीच बीच में फास्टैग वाली लेन भी खोलकर कैश के साथ वाहनों को निकाला गया। लेकिन यह सिर्फ 15 दिसंबर के दिन ही था, इसके बाद डबल टोल देना होगा। जबकि डबल टोल देकर कितने वाहन गए, इसके बारे में कोई आंकड़ा नहीं है।


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