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प्राइवेट अस्पतालों को रखनी होगी डेंगू, मलेरिया की जांच रैपिड टेस्टिग किट्स

जांच के लिए रैपिड टेस्टिग किट्स भी अपने अस्पतालों में हर समय रखनी होगी

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 06:00 AM (IST)
प्राइवेट अस्पतालों को रखनी होगी डेंगू, मलेरिया की जांच रैपिड टेस्टिग किट्स
प्राइवेट अस्पतालों को रखनी होगी डेंगू, मलेरिया की जांच रैपिड टेस्टिग किट्स

नितिन सिगला, बठिडा : कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों को डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस जैसी मौसमी बीमारियों की जांच के लिए रैपिड टेस्टिग किट्स भी अपने अस्पतालों में हर समय रखनी होगी, ताकि कोरोना के तरह डेंगू या मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों के टेस्ट कर उनका इलाज किया जा सके। इस बाबत सेहत मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी किए गए है। मंत्रालय के जारी आदेश में कोविड-19, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, लेप्टोसपायरोसिस, मौसमी इनफ्लुएंजा जैसी बीमारियों के लक्षण, संकेत, चेतावनी संकेतों और अन्य समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी गई है, ताकि हर बीमारी में फर्क किया जा सके। उसके मुताबिक मरीज को तुरंत इलाज भी मिल सके। गंभीर मरीजों को तुरंत अस्पताल में दाखिल करने के लिए कहा गया है। साथ ही कोविड के साथ ही अन्य मौसमी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को बिना किसी जरूरत के एंटी-बायोटिक भी देने की मनाही की गई है। दरअसल, कोरोनाकाल में ही अब डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियां भी शुरू हो चुकी हैं। वहीं, कई मामलों में कोरोना पॉजिटिव मरीज अन्य मौसमी बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं। ऐसे में इन मरीजों के इलाज के इलाज में डाक्टर्स को मशक्कत करनी पड़ रही है। डाक्टर्स की इसी परेशानी के मद्देनजर मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है। इसमें एक ही मरीज में कोविड-19 और किसी अन्य मौसमी बीमारी का किस तरह से इलाज किया जाए और क्या ख्याल रखा जाए, इस संबंध में बताया गया है। हालांकि कई मरीजों में रैपिड टेस्टिंग किट से सही नतीजे सामने नहीं आते, ऐसे में डॉक्टर्स को उस बीमारी के लिए प्रस्तावित लैब टेस्ट करवाने के लिए कहा गया है, ताकि मरीज का इलाज सही ढंग से हो सके। जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 340 पर पहुंचा जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 340 पर पहुंच गई। अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन 7 से 5 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो रही है। अब लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के साथ किसी व्यक्ति को डेंगू हो गया तो मरीज को ज्यादा दिक्कत आ सकती है। वहीं सेहत विभाग की एंटी लारवा टीम की ओर से सर्वे दौरान जिले के विभिन्न इलाके में स्थित आवास, कार्यालय व अन्य स्थानों से अब तक 140 डेंगू का लारवा बरामद कर नष्ट किए गए। नगर निगम की ओर से अब नोटिस भेजने का कार्य किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से डेंगू व वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों को दाखिल करने के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड व डेंगू वार्ड बनाया गया। उक्त वार्डों में इन दिनों डेंगू से पीड़ित 7 व वायरल फीवर के 9 मरीज इलाज के लिए दाखिल हैं। जबकि शहर के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए दाखिल इन मरीजों की संख्या इससे बहुत अधिक है। अधिकतर मरीजों को थकान और शरीर टूटने की शिकायत आ रही है। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट में यह बात सामने निकल कर आ रही है कि वायरल बुखार की वजह से 10 मरीजों के पीछे 7 मरीजों के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं।ठंडा पानी बिल्कुल न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं। खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा इस्तेमाल करें। पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी बिल्कुल न खाएं। हल्का खाना खाएं, जो आसानी से पच सके। पूरी नींद लें, उबला पानी ठंडा करके ज्यादा से ज्यादा पीएं। मिर्च मसाले व तला हुआ न खाएं, जरूरत से कम खाएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। अनावश्यक स्थानों पर जाने से परहेज करें : संधू सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू का कहना है कि लोगों को इन दिनों में पूरी बाजू के कपड़े पहनकर बाहर जाना चाहिए। अनावश्यक स्थानों पर जाने से परहेज करें और घरों में कहीं भी पानी न इकट्ठा होने दें। घर में फ्रिज वेस्ट वाटर ट्रे, कूलर, गमलों आदि में पानी को इकट्ठा न होने दें तथा हफ्ते में कम से कम एक बार इसे जरूर साफ करें। डेंगू के लक्षण दिखे तो तुरंत माहिर डॉक्टरों की सलाह लें।

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