प्रभु के दिव्य ज्ञान से आलोकित हो जाता है संसार: डा. राजेंद्र मुनि
जैन सभा के प्रवचन हाल में डा. राजेंद्र मुनि ने आदिनाथ भगवान का गुणगान किया।
संस, बठिडा: जैन सभा के प्रवचन हाल में डा. राजेंद्र मुनि ने आदिनाथ भगवान का गुणगान करते हुए कहा प्रभु का ज्ञान दिव्य रूप में जब प्रगट होता है, तब सारा संसार आलोकित हो जाता है। उनके शरीर का रोम रोम देदीपिमान हो उठता है।
उन्होंने कहा कि उनके मुखा कृति की दिव्यता भव्यता के आगे चंद्र सूर्य की ओजीस्वता तेजीस्वीता शीतलता भी कमजोर पड़ जाती है। जब खेतों में फसलें लहलहाती है तो फिर नदी नाले या आकाश के बादलों का पानी भी कोई महत्व नहीं रखते। इसी प्रकार भगवान के गुणों के आगे दुनियां दारी के गुण स्वत: तेज हीन हो जाते हैं। मुनि ने आत्मबल भक्तिबल धर्मबल की चर्चा करते हुए कहा इतिहास साक्षी है कि इन शक्ति ऊर्जा के आगे दुनिया के साधन शक्तिहीन हो जाते हैं। आज के विज्ञानिक साधन भी शक्तिहीन हो जाते हैं जब शरीर का मनोबल कमजोर हो जाता है तब डाक्टरों की चिकित्सा या आधुनिक उपकरण अपने काम करने स्वत: बंद हो जाते हैं। वर्तमान व आधुनिक काल में ये दृश्य कई बार दिखाई देते हैं। कमजोर बीमार भी मनोबली होने से जीत जाते हैं। इसके विपरीत शारीरिक बल या साधन सम्पन्न भी हार जाते है।
मुनि ने उदाहरण देते हुए कहा एक बार राजा व सेवक के बीच किसी बात को लेकर युद्ध हो गया, राजा को अपने तन मन धन पर गर्व था लेकिन सेवक के मन में आत्मबल भरा पड़ा था परिणाम सेवक जीत गया राजा हार गया। सभा में साहित्यकार सुरेंद्र मुनि द्वारा सामूहिक जाप कराए गए एवं भाग्यशाली विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। सभा के महामंत्री उमेश जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि कल दो अक्टूबर को विशाल स्तर पर गुरु पुष्कर जन्म जयंती के अनेक कार्यक्रम जैन स्कूल, वीर कालोनी में संपन होंगे।