उपभोक्ताओं के खातों से किया 16.40 लाख गबन, केस दर्ज
पावर हाउस रोड स्थित पावरकॉम के दफ्तर में एक अकाउंटेंट ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिजली उपभोक्ताओं के खातों में हेराफेरी कर 16.40 लाख रुपये का गबन कर पावरकॉम को नुकसान पहुंचाया है।
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : पावर हाउस रोड स्थित पावरकॉम के दफ्तर में एक अकाउंटेंट ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिजली उपभोक्ताओं के खातों में हेराफेरी कर 16.40 लाख रुपये का गबन कर पावरकॉम को नुकसान पहुंचाया है। इसकी सूचना मिलने पर बेशक अकाउंटेंट को निलंबित कर दिया, लेकिन मामले की जांच करवाने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की तरफ से जांच करने के बाद सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर ही गत दिवस अकाउंटेंट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जबकि अभी तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उपमंडल कमर्शियल 1 ब¨ठडा के सहायक इंजीनियर कमल ¨सगला ने एसएसपी को उक्त अकाउंटेंट के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। उन्होंने शिकायत में बताया कि दलजीत ¨सह पावर हाउस रोड स्थित पावरकॉम के कमर्शियल 1 सब डिविजन में बतौर अकाउंटेंट तैनात था, जब सब डिविजन के रिकार्ड की जांच की गई तो सामने आया कि दलजीत ¨सह ने बिजली उपभोक्ताओं के खातों में गलत रिवर्सल व ट्रांसफर एंट्री की, जिसके साथ पावरकॉम में हुए घपले की बात निकल कर सामने आई।
छह सदस्यीय कमेटी की जांच पर हुआ मामला दर्ज
अकाउंटेंट दलजीत ¨सह द्वारा की गई हेराफेरी का पता लगने पर उसको 11 मई को निलंबित कर दिया था। इसके बाद मामले की जांच करवाने के लिए सीनियर कार्यकारी इंजीनियर वन मंडल ब¨ठडा द्वारा दफ्तरी आदेशों के आधार पर 6 सदस्यीय टीम का गठन किया। कमेटी द्वारा की गई जांच में सामने आया कि दलजीत ¨सह अकाउंटेंट की ओर से 16.40 लाख रुपये का गबन किया है, जिसके द्वारा गलत रिवर्सेबल व ट्रांसफर एंट्री डालकर पावरकॉम को नुकसान पहुंचाया है। इसको देखते हुए दलजीत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि पावरकॉम को हुए नुकसान की भरपाई करवाई जा सके। वहीं आरोपित दलजीत ¨सह के खिलाफ धारा 409, 477ए के तहत केस दर्ज किया गया है।
ऐसे करता था हेराफेरी
अकाउंटेंट दलजीत ¨सह की तरफ से की गई हेराफेरी के संबंध में इंजीनियर कमल ¨सगला ने बताया कि इस सारे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब कुछ उपभोक्ताओं ने उनके पास शिकायत की कि उनके द्वारा बिल के एडवांस पैसे तो भरे गए हैं, लेकिन अकाउंटेंट ने रसीद नहीं दी। जब इसकी पड़ताल की गई तो सामने आया कि उपभोक्ता किसी कारण एडवांस बिल भर जाते थे या लाइन में लगने की बजाए उक्त अकाउंटेंट को पहचान कर बिल के पैसे दे जाते थे तो अकाउंटेंट पैसे वाले उपभोक्ताओं के खातों में से पैसे ट्रांसफर कर अन्य बिल भर देता था व उपभोक्ताओं से लिए नगद पैसे अपनी जेब में डाल लेता था। जब ट्रांसफर वाले उपभोक्ताओं से पूछताछ की गई तो पता चला कि उनके द्वारा किसी को पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहा गया। इसके बाद इसकी ठगी का शक हुआ तो जांच में पता चला कि दलजीत ने दो साल के समय दौरान 150 से अधिक उपभोक्ताओं के खातों से छेड़छाड़ कर 16 लाख 44 हजार रुपये का गबन किया है।
क्या है एडवांस बिल भरने की विधि
¨सगला के अनुसार जो लोग किसी कारण देश से बाहर चलते जाते हैं तो वह अपने बिजली मीटरों के एडवांस पैसे विभाग के पास जमा करवा जाते हैं। इसके बाद उनके बिल अनुसार पैसे काटे जाते व बाकी रकम उनके खातों में खड़ी रहती। अकाउंटेंट ऐसे उपभोक्ताओं की पहले तलाश करता था व उनके खातों के साथ छेड़छाड़ कर विभाग के साथ ठगी कर रहा था।