दविदर गर्ग आत्महत्या मामले में युवा कांग्रेस नेता समेत चार आरोपित गिरफ्तार, पांच बिजनेस पार्टनर फरार
मनजिदर सिंह धालीवाल प्रवीन बांसल मनी बांसल व रामा मंडी निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
नितिन सिगला, बठिडा : ग्रीन सिटी निवासी व ट्रेडिग व्यापारी दविदर गर्ग की ओर से पत्नी व बच्चों की गोली मारकर हत्या करने व खुद भी आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने एक युवा कांग्रेस नेता समेत चार आरोपितों में यूथ कांग्रेस के जैतो मंडी ब्लाक प्रधान मनजिदर सिंह धालीवाल, प्रवीन बांसल, मनी बांसल व रामा मंडी निवासी अशोक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। दविदर के बिजनेस पार्टनर व आरोपित राजू कोहेनूर उर्फ जादूगर, उसका भाई बब्बू कालड़ा, पत्नी अमन कोहेनूर, कांग्रेस नेता संजय जिदल उर्फ बाबी के अलावा सेंट्रल दिल्ली निवासी अभिषेक जोहरी की गिरफ्तारी होनी बाकी है। थाना कैंट पुलिस ने दविदर गर्ग के सुसाइड नोट के आधार पर नौ आरोपितों के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। दविदर पर पत्नी व बच्चों की गोली मारकर हत्या करने का मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने घटना के बाद ही सुसाइड नोट में लिखे नामों के आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे। वहीं कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर चार आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी। उधर, शुक्रवार दोपहर बाद चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद दाना मंडी वाले रामबाग में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान मृतक के बड़े भाई अश्वनी गर्ग ने चारों को मुखाग्नि दी। वहीं राजनीति पार्टियों के नेताओं के अलावा शहर के व्यापारी वर्ग ने रामबाग पहुंचकर परिवार के साथ शोक व्यक्त किया।
बिजनेस पार्टनर की तरफ से धोखा दिए जाने से आहत था दविदर
कैंट पुलिस को बयान देकर दविंदर के बड़े भाई व पंचवटी नगर निवासी अश्वनी गर्ग ने बताया कि करीब ढाई साल पहले उसके भाई दविदर गर्ग ने आरोपित राजू कोहेनूर उर्फ जादूगर के साथ मिलकर क्रिप्टोकरंसी बिटकाइन में पार्टनर के तौर पर काम शुरू किया था। इस बिजनेस में और भी लोग हिस्सेदार थे। लाकडाउन के कारण बिटकाइन कंपनी के रेट कम हो गए थे। आरोपित राजू, उसके भाई बब्बू व पत्नी अमन ने कंपनी में लगाया अपने हिस्से का पैसा निकालकर अपने पास रख लिया। जबकि जो पैसा लोगों का देना था वह दविदर गर्ग पर डाल दिया। यह राशि करोड़ों में थी। इसके चलते कुछ पैसा तो दविदर ने किसी तरह दे दिया, लेकिन कई लोग उसे पैसे वापस करने के लगातार दबाव बना रहे थे। इस कारण उसका भाई मानसिक तौर पर परेशान था।
इसी दौरान मनजिदर सिंह धालीवाल उर्फ हैप्पी, प्रवीण बांसल, संजय जिदल उर्फ बाबी, मनी बांसल बठिडा, अशोक कुमार, अभिषेक जौहरी भी उसके भाई को पैसा जल्दी देने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। वहीं ऐसा नहीं करने पर उसे राजनीतिक दबाव डालकर बर्बाद करने व पुलिस के पास केस दर्ज करवाने की धमकियां देनी शुरू कर दी। उक्त लोग राजू से मिलकर उसे सत्तापक्ष में पहचान होने व उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की लगातार धमकियां दे रहे थे। जबकि उनके पैसे आरोपित राजू, उसका भाई बब्बू कालड़ा व महिला आरोपित अमन अपने हिस्से में ले चुके थे। बिजनेस पार्टनर की तरफ से दिए गए धोखे से आहत व लेनदारों की तरफ से बार-बार पैसे मांगने से परेशान दविदर गर्ग ने बीती वीरवार की दोपहर ग्रीन सिटी स्थित किराये की कोठी में पहले पत्नी मीना गर्ग, बेटा आरूष गर्ग, बेटी मुस्कान गर्ग को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया व बाद में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले आठ पेज का एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसके आधार पर पुलिस ने एक महिला समेत नौ लोगों पर थाना कैंट में मामला दर्ज किया था।
छह माह से अंदर ही अंदर घुट रहा था दविदर
इस मामले में सबसे अहम सुबूत मृतक की तरफ से लिखा गया सुसाइड नोट है। इसमें उसने लिखा है कि उक्त लोगों ने मिलकर उसे मानसिक तौर पर परेशान किया व उसे इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि उसके पास मरने व बाद में परिवार को परेशान न करे इसलिए सभी को मौत के घाट उतारने के कोई रास्ता नहीं बचा है। सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि आरोपित लोग उन्हें सत्तापक्ष के साथ होने की बात कर मानसिक तौर पर परेशान करते थे। वह पिछले छह माह में पूरी तरह से टूट चुका था व इस बाबत उसने सारा मामला पिता व भाई के साथ भी सांझा किया था। परिजन उसे हौसला देते थे, लेकिन वह पैसे लेने के लिए डाले जा रहे दबाव व धमकियों से इस कदर परेशान हो चुका था कि उसने पहले अपनी पत्नी को गोली मारी व बाद में दोनों बच्चों के सिर पर गोली मारकर खुद को मौत के घाट उतार लिया।
बड़े भाई ने दी पूरे परिवार को मुखाग्नि
दविदर व उसकी पत्नी, बेटा व बेटी के शव को दोपहर दो बजे के बाद सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। पहले पुलिस ने चारों के पोस्टमार्टम के लिए एक ही कागजात तैयार कर लिए, लेकिन कानूनी प्रकिया के चलते सभी के अलग-अलग कागजात तैयार करने के लिए डाक्टरों द्वारा कहा गया, जिसके चलते पुलिस को सभी के कागजात अलग-अलग तैयार करने में समय लग गया। दोपहर दो बजे के बाद उनका पोस्टमार्टम हो सका। शाम चार बजे दाना मंडी रामबाग में एक साथ सभी का अंतिम संस्कार किया। बड़े भाई अश्वनी ने पूरे परिवार को मुखाग्नि दी। इस दौरान पूर्व विधायक सरूपचंद सिगला, कांग्रेसी नेता जयजीत सिंह,राजन गर्ग, पवन मानी, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन केके अग्रवाल, राज नंबरदार आदि शोक व्यक्त करने पहुंचे।