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कोरोना काल में घर-घर पहुंचाई जा रही पेंशन: नवीन गढवाल

जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी नवीन गढवाल का कहना है कि आज के समय में कोराना काल में हर कोई अपने आप को बचाने के लिए घर पर रह रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 05:20 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 05:20 AM (IST)
कोरोना काल में घर-घर पहुंचाई जा रही पेंशन: नवीन गढवाल
कोरोना काल में घर-घर पहुंचाई जा रही पेंशन: नवीन गढवाल

साहिल गर्ग, बठिडा

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जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी नवीन गढवाल का कहना है कि आज के समय में कोराना काल में हर कोई अपने आप को बचाने के लिए घर पर रह रहा है। लोग जरूरत के अनुसार ही घरों से निकल रहे हैं। ऐसे में हमारा भी फर्ज बनता है कि उनको घर में रहने के लिए प्रेरित करने के लिए उनकी हरसंभव मदद करें। ऐसे में सभी पेंशनरों को घर पर ही पेंशन पहुंचाई जा रही है। इसके लिए बैंकों व पोस्ट आफिस के स्टाफ का सहयोग लिया गया है। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश.. सवाल: लोगों को घर घर तक पेंशन कैसे दी जाएगी?

जवाब: पेंशन सभी के खाते में जाती है, लेकिन इसे निकलवाने के लिए उन्हें बैंक जाना पड़ता है। ऐसे में कोरोना काल में हमने बैंक कर्मियों का सहयोग लिया है, जो पेंशनरों को घर जाकर पेंशन दे रहे हैं। इस समय जिले में बीते महीने तक सभी की पेंशन रिलीज हो चुकी हैं। सवाल: जो लोग दफ्तरों में आ रहे हैं उनकी पेंशन कैसे लगाई जाएगी?

जवाब: अभी कोरोना के कारण दफ्तर में पब्लिक डिलिग बंद है। मगर जो लोग दफ्तर में पेंशन लगाने के लिए आ रहे हैं, उनके कागजातों तो जमा करवा लिया जाता है ताकि उनको किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। हालांकि लोगों को चाहिए कि वह पेंशन लगवाने के लिए पहले सुविधा सेंटर में आनलाइन अप्लाई करें। इसके बाद सारी कार्रवाई आनलाइन ही होगी। उनका मकसद है कि दफ्तर में आने वाला कोई भी व्यक्ति परेशान न हो। सवाल: बुढ़ापा पेंशन घोटाले में रिकवरी का जिले में क्या स्टेट्स है?

जवाब: जिले में बुढ़ापा पेंशन के नाम पर हुए घोटाले के बाद 8762 लोगों से 17 करोड़ रुपये की पेंशन की रिकवरी करनी है। इसके लिए सभी लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। नोटिस न लेने वालों पर कार्रवाई भी होगी। अब तक 50 हजार रुपये की रिकवरी हो चुकी है। सबसे बड़ी समस्या लोगों का विरोध है। सवाल: सीनियर सिटीजन मेंटिनेंस वेलफेयर एक्ट के केस कैसे सुनेंगे?

जवाब: जिले में सीनियर सिटीजन मेटनेंस वेलफेयर एक्ट के केस कोरोना काल में कम आ रहे हैं। साथ ही दोनों पक्षों को दफ्तर बुलाने के बजाय विडियो कान्फ्रेंसिग या फोन पर बातचीत कर केस सुने जा रहे हैं। पब्लिक डीलिंग पूरी तरह से बंद है। सवाल: वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों की संभाल कैसे की जा रही है?

जवाब: वृद्ध आश्रम में कोरोना के कारण लोगों की एंट्री बंद है। जरूरत पड़ने पर कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट देखकर ही एंट्री दी जाती है। साथ ही आश्रम में रहने वालों को के खाने-पीने का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मेरी तो यही अपील है कि बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में रखने के बजाय बच्चे उन्हें घर पर ही रखकर उनकी सेवा करें। सवाल: दिव्यांगों को उनकी जरूरत का सामान देने के लिए विभाग की क्या योजना है?

जवाब: जिले में दिव्यांग जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार कृत्रिम अंग देने के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर कैंप लगाए जाते हैं। इसके तहत बीते साल जिले में 1343 लोगों को एलिमको की मदद से सामान मुहैया करवाया गया। इसमें व्हील चेयर, बैसाखियां, कानों की मशीन, एलबो आदि शामिल हैं। अब फिर से दिव्यांगों को उनकी जरूरत का सामान देने के लिए कैंप लगाया जाएगा।


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