सरकारी वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल में डाक्टरों की कमी
सरकारी वुमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल की ओपीडी में सिर्फ एक डाक्टर होने से इलाज कराने आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की कमी और मरीजों की भीड़ के कारण ओपीडी में अव्यवस्था की स्थिति रही। ओपीडी में सिर्फ एक गायनी डॉक्टर के होने से मरीजों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी। इससे पहले भी कई
संवाद सहयोगी, बठिडा : सरकारी वुमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल की ओपीडी में सिर्फ एक डाक्टर होने से इलाज कराने आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की कमी और मरीजों की भीड़ के कारण ओपीडी में अव्यवस्था की स्थिति रही। ओपीडी में सिर्फ एक गायनी डॉक्टर के होने से मरीजों को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी। इससे पहले भी कई बार डाक्टर कम होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार मंगलवार को दो डाक्टरों डा. अलका गर्ग व डा. रेनूका की ड्यूटी थी। परंतु एक डाक्टर रेनूका को अचानक छुट्टी लेनी पड़ी जिस कारण सिर्फ एक डाक्टर को ही बड़ी संख्या में पहुंचे मरीजों का चैकअप करना पड़ा। संख्या अधिक होने के कारण वहां मरीजों का हजूम उमड़ गया। सभी कुर्सियां मरीजों से भर गई और कुछ मरीज गर्मी के मौसम में तीन-तीन घंटे तक वहां खड़े अपनी बारी का इंतजार करते रहे। मरीज सतवीर कौर, अंजू बाला, पूजा रानी ने बताया कि वह सुबह 9 बजे अपना चैकअप करवाने के लिए अस्पताल पहुंच गई थी और अब 12 बजने को है परंतु उनका नंबर नहीं आया। एक डॉक्टर के छुट्टी पर जाने से हुई परेशानी : डॉ. गिल
इस संबंध में वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड के एसएमओ डॉ. एसएस गिल ने बताया कि मंगलवार को अचानक डा. रेनूका के छुट्टी लेने के कारण ओपीडी में सिर्फ एक डॉ. अलका गर्ग को ही सभी मरीजों को देखना पड़ा, वहां भीड़ अधिक होने के कारण मरीजों को थोड़ी परेशानी झेलनी पड़ी।