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पैरा मेडिकल स्टाफ को आठ माह से नहीं मिला वेतन, हड़ताल शुरू

कोरोना काल से दिन-रात सेवाएं देने वाले जिले के 100 के करीब सेहत मुलाजिमों को राज्य सरकार की तरफ आठ महीने से वेतन जारी नहीं किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 09:39 PM (IST)
पैरा मेडिकल स्टाफ को आठ माह से नहीं मिला वेतन, हड़ताल शुरू
पैरा मेडिकल स्टाफ को आठ माह से नहीं मिला वेतन, हड़ताल शुरू

जासं,बठिडा: कोरोना काल से दिन-रात सेवाएं देने वाले जिले के 100 के करीब सेहत मुलाजिमों को राज्य सरकार की तरफ आठ महीने से वेतन जारी नहीं किया गया। इसके रोष में पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने सोमवार को प्रधान गगनदीप सिंह की अगुआई में सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपकर मंगलवार से पूर्ण रूप से हड़ताल करने का ऐलान किया है। कहा कि सेहत कर्मी कामकाज बंद कर सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर रोष धरना देंगे। जब तक उन्हें आठ माह का वेतन जारी नहीं किया जाता, उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी।

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एसोसिएशन के प्रधान गगनदीप सिंह ने बताया कि बठिंडा में करीब 100 पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा आइसोलेशन वार्ड, ओटी, लेबर रूम, टेस्टिग लैब, एक्सरे विभाग, सिविल सर्जन कार्यालय में तैनात करीब 50 से अधिक स्टाफ मेंबर हैं, जिन्हें पिछले आठ माह से वेतन नहीं मिला है। हालत यह हो गई है कि रिश्तेदारों से उधार लेकर घर चला रहे हैं। वहीं विभाग तर्क दे रहा है कि पैरा-मेडिकल स्टाफ नई नियुक्ति पर आया है और वित्तीय विभाग के एक आदेश के अनुसार सेहत विभाग में जिस भी स्टाफ की अपने पद के बजाय डेपुटेशन के पद पर नियुक्ति हुई है, उनका वेतन रोका गया है। उनकी मांग है कि जल्द से जल्द वेतन जारी किया जाए। आज से ओपन ओपीडी भी बंद छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) के विरोध में पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीसीएमएसए) के आह्वान पर पूर्ण रूप से हड़ताल पर चल रहे सरकारी डाक्टरों ने हड़ताल के चौथे दिन सोमवार को भी सिविल अस्पताल में टेट लगाकर ओपीडी की। सरकारी पर्ची के बजाय एसोसिएशन की तरफ से छपवाई गई पर्चियों पर ही मरीजों का चेकअप किया और निश्शुल्क दवा दी गई। साथ ही फैसला लिया कि अब मंगलवार से ओपन ओपीडी भी बंद कर दी जाएगी। इस दौरान डाक्टर सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर धरना लगाएंगे।

सोमवार को डाक्टरों ने सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक 350 से अधिक मरीजों का निश्शुल्क चेकअप किया। इस दौरान केवल इमरजेंसी केसों को छोड़कर अस्पताल में आने वाले किसी भी मरीज का कोई भी खून टेस्ट, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, डोप टेस्ट, आप्रेशन आदि नहीं किए गए। इसके कारण मरीजों को इन सेहत सुविधा प्राप्त करने के लिए प्राइवेट लैब व अस्पतालों में ही जाना पड़ा। वहीं सरकार की तरफ से समय मांगे जाने के बावजूद भी डाक्टरों की मांगों पर अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया। इस कारण डाक्टरों ने मंगलवार को निश्शुल्क ओपीडी भी बंद कर पूर्ण रूप से हड़ताल करने का ऐलान किया।


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