सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को नहीं मिली विशेष ग्रांट
पंजाब में सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को बेशक पंजाब की सरकार ने विशेष ग्रांट देने का ऐलान किया है।
जासं, बठिडा : पंजाब में सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को बेशक पंजाब की सरकार ने विशेष ग्रांट देने का ऐलान किया है। लेकिन पिछले 12 साल से सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को पहले वाली अकाली भाजपा व अब कांग्रेस सरकार ने अभी तक कोई ग्रांट नहीं दी। यही कारण है कि गांवों में सर्वसम्मति से पंचायतों को चुनने का रूझान दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है। सरकार किसी की भी हो, अब गांवों के लोग उन पर विश्वास नहीं कर रहे। पंजाब में सैकड़ों पंचायतें सर्वसम्मति से चुनी गई थी, जिनका सरकार की तरफ करोड़ों रुपये का बकाया है। अगर बठिडा जिले की बात की जाए तो साल 2008 में यहां पर 34 पंचायतों का सरकार की तरफ 68 लाख रुपये का बकाया है। इसी प्रकार साल 2013 में सर्वसम्मति से चुनी 35 पंचायतों के एक करोड़ पांच लाख रुपये सरकार ने जारी नहीं किए।
गांवों के सरपंचों का कहना है कि अगर सरकार एलान मुताबिक पंचायत बनते ही विशेष ग्रांट जारी कर दे तो लोगों में पंचायत सर्वसम्मति से चुनने का रुझान बढ़ सकता है। सरकारें एलान तो कर देती हैं, लेकिन फिर उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। उनका कहना है कि अकाली-भाजपा सरकार के दस साल के राज दौरान कोई भी विशेष ग्रांट नहीं मिली। गांव हररंगपुरा के सरपंच नमतेज सिंह कहना है कि लोगों में सर्वसम्मति से पंचायतों को चुनने का रूझान कम होने का एक कारण सरकार क तरफ से ग्रांट भी जारी न होना है। जबकि जब पंचायत चुनी जाती है तो उस समय ही एक हफ्ते के अंदर विशेष ग्रांट मिलनी चाहिए। मगर यहां पर तो कई कई साल निकल जाने के बाद भी ऐसा नहीं होता। अगर सर्वसम्मति वाली पंचायतों को तुरंत ग्रांट मिले तो फिर अन्य गांवों में भी पंचायतें सर्वसम्मति से बन जाएं, मगर जब ग्रांट नहीं मिलती तो लोग निराश हो जाते हैं।
ग्रांट सरकार की ओर से सीधे खाते में भेजी जाती है : डीडीपीओ
इस मामले में डीडीपीओ हरजिदर सिंह जस्सल ने बताया कि पंचायतों को ग्रांट सरकार की तरफ से दी जाती है, जो सीधे उनके खाते में ही जाती है। जबकि वह इसके बारे में सरकार को अवगत करवा देते हैं। कैप्टन सरकार ने किया है तीन लाख का एलान साल 2008 से लेकर राज्य में दो बार हुए चुनावों में सैकड़ों पंचायतों का चुनाव लोगों ने गांव स्तर पर सर्वसम्मति से कर लिया था। मगर उस समय से वह पंजाब सरकार द्वारा ऐलान की गई विशेष ग्रांट का इंतजार कर रहे हैं। साल 2008 में जिले में 34 गांवों के लोगों ने समझदारी का सबूत देते हुए पंचायतों को सर्वसम्मति से चुनाव किया था। इन चुनावों से पहले पंजाब सरकार ने सर्वसम्मति वाली पंचायतों को 2 लाख रुपये की विशेष ग्रांट देने का ऐलान किया था, जिस पर बाद में अमल नहीं हुआ। जबकि साल 2013 में पंचायती चुनावों के दौरान फिर पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को तीन लाख रुपये की ग्रांट देने का ऐलान किया था। मगर यह ग्रांट भी आज तक नहीं मिली। अब पंजाब के केबिनेट मंत्री तृप्त रजिदर सिंह बाजवा ने भी ऐलान किया है कि सर्वसम्मति से चुनी पंचायतों को तीन लाख रुपये की विशेष ग्रांट दी जाएगी। मगर पिछले 12 साल से विशेष ग्रांट न मिलने के कारण लोग भी इसको सच नहीं मान नहीं रहे। लोगों का कहना है कि सरकार किसी की भी हो, हर बार ऐलान जरूर होता है, लेकिन किसी भी सरकार ने अमल नहीं किया। जबकि साल 2008 से 2013 में चुनी गई ज्यादातर पंचायतें अकाली दल से संबंधित हैं।