प्रभु प्राप्ति के लिए उम्र का कोई तकाजा नहीं होता- सुदीक्षा जी महाराज
संत निरंकारी मंडल बठिडा जोन की तरफ से आनलाइन 54वें प्रादेशिक निरंकारी संत समागम करवाया गया
संस, बठिडा
संत निरंकारी मंडल बठिडा जोन की तरफ से आनलाइन 54वें प्रादेशिक निरंकारी संत समागम करवाया गया। इस दौरान सतगुरु माता सुदीक्षा जी ने कहा कि यथार्थ मनुष्य बनने के लिए हमें हर किसी के साथ प्यार भरा व्यवहार, सबके प्रति सहानुभूति, उदार व विशाल होकर दूसरे के अवगुणों को अनदेखा करते हुए उनके गुणों को ग्रहण करना होगा। सबको सम²ष्टि से देखते हुए एवं आत्मिक भाव से युक्त होकर दूसरों के दुख को भी अपने दुख के समान मानना होगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य स्वयं को धार्मिक कहता है और अपने ही धर्म के गुरु-पीर-पैगंबरों के वचनों का पालन करने का दावा भी करता है। परंतु वास्तविकता तो यही है कि आपकी श्रद्धा कहीं पर भी हो, हर एक स्थान पर मानवता को ही सच्चा धर्म बताया गया है और ईश्वर के साथ नाता जोड़कर अपना जीवन सार्थक बनाने की सिखलाई दी गई है। मनुष्य जीवन बड़ा ही अनमोल है और प्रभु प्राप्ति के लिए उम्र का कोई तकाजा नहीं होता। किसी भी उम्र का मनुष्य ब्रह्मज्ञानी संतों का सानिध्य पाकर क्षणमात्र में प्रभु-परमात्मा की पहचान कर सकता है। सत्गुरु माता ने आगे कहा कि अपने दैनिक जीवन में हर परिस्थिति का आकलन करने के लिए व उचित ढंग से शरीर का संचालन करने के लिए ज्ञानेंद्रियों का उपयोग करना है और इन इंद्रियों के अधीन नहीं रहना हैं। इसी पर हमारे मन का कर्म निर्भर करता है। यदि इंद्रियां हमारे नियंत्रण में है तब हम उनका उचित सदुपयोग कर पाते हैं।