शहीद के नाम पर स्कूल का नाम रखने की प्रक्रिया हुई आसान
अब गांव व शहर में किसी स्कूल को शहीदों के नाम पर करवाने के लिए सालों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
संस, बठिडा
अब गांव व शहर में किसी स्कूल को शहीदों के नाम पर करवाने के लिए सालों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब सिर्फ 14 दिनों के अंदर स्कूल का नाम बदला जा सकेगा। राज्य सरकार ने नाम बदलने की प्रकिया को नया रूप देते हुए सरल बना दिया गया है। इससे पंचायतों की भागदौड़ कम होगी। अब यह केस आनलाइन भेजे जाएंगे। इसका एजेंडा बनाकर बैठक रखी । जाएगी। बैठक की रिपोर्ट शिक्षा सचिव को भेजी जाएगी। इसके बाद शिक्षा मंत्री से मंजूरी लेकर आनलाइन ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
स्कूल का नाम बदलने की प्रकिया आनलाइन की जाएगी। इससे कम समय पर आसानी से कार्य होगा। इसके लिए विभाग को 14 दिन के अंदर ही जवाब देना होगा। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए स्कूल प्रमुखों व जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें जारी कर दी हैं। उन्होंने यह भी साफ किया है कि केवल शिक्षा विभाग के आनलाइन पोर्टल के केसों पर ही विचार किया जाएगा, जिसे स्कूल मुखी अपने लाग-इन आइडी से अप्लाई करेंगे। इसके लिए उन्हें पहले वाले दस्तावेज ही साथ लगाकर केस तैयार करना होगा।
पहले प्रक्रिया काफी जटिल थी। नाम बदलने की फाइल स्कूल मुखी, पंचायत का मत, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का मत, संबंधित शख्सियत का सर्टिफिकेट, अवार्ड का सबूत, जीवनी आदि के साथ फाइल संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाती थी। डीईओ जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग, एसएसपी की रिपोर्ट व सिफारिश प्राप्त करने के बाद डीसी दफ्तर में सिफारिश करते थे। । डिप्टी कमिश्नर की सिफारिश के बाद केस निदेशालय जाता है। वहां हर महीने के अंतिम शुक्रवार को पूरे हुए केसों पर कमेटी बैठक में विचार किया जाता है। आनलाइन प्रक्रिया से समय भी कम लगेगा और शहीदों का सम्मान भी होगा। --शहीद की जीवनी भी बतानी होगी
स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने के लिए पंचायत का मत, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मत, मौत का सर्टिफिकेट मेडल व अवार्ड का सबूत और शहीद की जीवनी 500 शब्दों में लिखकर देनी होगी।