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अब प्राइमरी स्कूलों पर लागू होगा रेशनलाइजेशन

सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार के मकसद से शिक्षा विभाग ने सभी प्राइमरी स्कूलों में रेशनलाइजेशन पॉलिसी लागू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:44 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 12:44 AM (IST)
अब प्राइमरी स्कूलों पर लागू होगा रेशनलाइजेशन
अब प्राइमरी स्कूलों पर लागू होगा रेशनलाइजेशन

ज्योति बबेरवाल, बठिडा : सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार के मकसद से शिक्षा विभाग ने सभी प्राइमरी स्कूलों में रेशनलाइजेशन पॉलिसी लागू कर दी है। इसके तहत कोई भी प्राइमरी स्कूल जिसमें बच्चों की संख्या 51 से कम है। उन स्कूलों के हेड मास्टर का तबादला किसी और स्कूल में कर दिया जाएगा। वहीं स्कूल की कमान अध्यापकों द्वारा संभाली जाएगी। शिक्षा विभाग के अनुसार कई जगहों पर विद्यार्थियों की संख्या अध्यापकों से भी कम है और कई जगहों पर यह उलट है। इसलिए 51 से कम संख्या वाले विद्यार्थियों के स्कूलों के हेड टीचर का तबादला किया जाएगा। हेड टीचर को उस स्कूल में भेजा जाएगा जहां पर टीचरों की संख्या कम है। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों को रेशनलाइजेशन में लिया गया है। इससे स्कूलों की स्थिति में सुधार भी होगा। वहीं दूसरी तरफ जहां पर टीचरों की कमी है, वह भी पूरी हो जाएगी। बच्चों की पढ़ाई में भी दिक्कत नहीं आएगी।

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दिव्यांग व्यक्ति की नहीं होगी ट्रांसफर

पॉलिसी के तहत उन टीचरों को नहीं लिया गया है जो दिव्यांग है या फिर कैंसर पीड़ित है। इस स्थिति में टीचरों का तबादला नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों में तबादले की शर्त को इसके अधीन लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर कोई टीचर ज्यादा लंबे समय से बीमार है। उसे भी इसके अधीन नहीं किया जाएगा।

लंबे समय वाले टीचरों की हो सकती बदली

इस पॉलिसी के अधीन उन अध्यापकों को भी लिया जाएगा जो काफी समय में एक स्कूल में कार्य कर रहे हैं। जहां पर कोई दूसरा हेड सरप्लस स्कूल को मैनेज कर रहा है। उस अध्यापक की ट्रांसफर नहीं की जाएगी। हर स्कूल में अध्यापक व विद्यार्थियों की संख्या को देखकर तबादला किया जाएगा।

स्कूलों में अध्यापकों की कमी होगी पूरी

कम संख्या वाले अध्यापकों को अगर दूसरे स्कूलों में भेज दिया जाएगा तो स्कूलों में सुधार होगा। इसके अलावा अधिक संख्या के विद्यार्थियों वाले स्कूलों में भी सुधार हो जाएगा। इससे शिक्षा का स्तर भी ऊंचा होगा और हर सरकारी स्कूलों की स्थिति में काफी हद तक सुधार हो जाएगा। इसके साथ ही अध्यापकों की कमी भी पूरी हो जाएगी।


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