अब चालान भरने पर नहीं होगा हेराफेरी, मौके पर ही मिलेगी रसीद
लोगों को अब यह शिकायत नहीं होगी कि उनसे ज्यादा पैसे वसूल कर लिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर काटे गए चालान का भुगतान करने वाले लोगों को अब यह शिकायत नहीं होगी कि उनसे ज्यादा पैसे वसूल कर लिए गए हैं। अब बठिडा के आरटीए दफ्तर में चालान भुगतने के सिस्टम को बदल दिया गया है। यहां पर अब चालान का भुगतान करने पर मौके पर ही जुर्माने की रसीद भी काटकर दी जाएगी। अगर चालान भुगताने वाले मुलाजिम रसीद देने से मना करता है तो उसकी शिकायत भी की जा सकती है। यह सब कुछ बदलाव दफ्तर के मुख्य अधिकारी को चालान के पैसे ज्यादा लेने संबंधी मिल रही शिकायतों के बाद किया गया है। यहीं नहीं अब चालान भुगतने वाले कमरे में पार्टिशियन भी कर दी गई है।
इससे पहले जब पुलिस चालान काटती थी, उसको आरटीए दफ्तर में भेजा जाता था। जहां पर सहायक आरटीए की ओर से जुर्माना लगाया जाता था, जिसके बाद चालान भुगतने वाला क्लर्क जुर्माना लेकर व्यक्ति को उसका कागजात दे देता था। मगर उसकी रसीद नहीं दी जाती थी। जिसको लेकर क्लर्क द्वारा दावा किया जाता है कि वह सारी रसीदें एक साथ काटता है। लेकिन अब यह सिस्टम बदल दिया गया है, जिसको बठिडा में तैनात नई आरटीए हरजोत कौर ने किया है। हालांकि इस समय आरटीए दफ्तर में 10 हजार के करीब चालान पेंडिग पड़ें है। जिनको लेने के लिए लोग हर रोज दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। जबकि सबसे ज्यादा परेशानी तो लोगों को उस समय होती है, जब उनके चालान की तारीख होती है और पुलिस द्वारा चालान उस तारीख को नहीं भेजा जाता।
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इस कारण लिया गया फैसला
बठिडा का आरटीए अपने घपलों के कारण शुरू से विवादों में रहा है। यहां पर पहले कई बार विजिलेंस की रेड भी पड़ चुकी है, लेकिन इसके बाद भी किसी ने कोई सबक नहीं लिया। जबकि पिछले छह महीनों के दौरान दफ्तर के दो मुलाजिम तो सस्पेंड भी हो चुके हैं। वहीं एक साल पहले हुई विजिलेंस रेड की जांच आज भी चल रही है। इतना सब कुछ होने के बाद भी यहां के मुलाजिम बिना किसी डर के काम कर रहे हैं। इसी के चलते उनके द्वारा चालान भुगतने के समय भी रसीद नहीं दी जाती थी। लोगों द्वारा अक्सर ही यही आरोप लगाया जाता था कि उनको जुर्माने की रसीद नहीं दी जाती। जिसका सबसे बड़ा कारण है कि जुर्माना ज्यादा लिया जाता है और रसीद बाद में काटी जाती है, जिस पर कम जुर्माना लिखा होता है। इसके बाद आरटीए ने रसीद मौके पर ही देने के आदेश दिए।