दोबारा बनी अवैध इमारतों पर निगम ने की जवाबतलबी
शहर में नियमों को ताक पर रखकर लोगों की ओर से किए गए इमारतों के अवैध निर्माणों के खिलाफ नगर निगम की ओर से बीते जून में शुरू की गई मुहिम अब कई महीनों से ठंडे बस्ते में पड़ चुकी है।
सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : शहर में नियमों को ताक पर रखकर लोगों की ओर से किए गए इमारतों के अवैध निर्माणों के खिलाफ नगर निगम की ओर से बीते जून में शुरू की गई मुहिम अब कई महीनों से ठंडे बस्ते में पड़ चुकी है। कई लोगों की ओर से निगम द्वारा गिराए गए अवैध निर्माणों का भी पुननिर्माण कर लिया गया है। दैनिक जागरण की ओर से गिराई इमारतों के संबंधित मालिकों द्वारा पुननिर्माण का मुद्दा भी बीते सितंबर में उठाया जा चुका है। मुद्दा उठाए जाने के बाद काफी देर से ही सही, लेकिन अब निगम की ओर से संज्ञान लिया जाने लगा है। हालांकि यह संज्ञान केवल कागजों तक ही सीमित रहेगा या फिर वास्तविक रूप में इस पर अमल करते हुए कोई कार्रवाई भी होगी, इसके बारे में अभी संशय ही बना हुआ है। लेकिन मानसा रोड पर कैंट क्षेत्र के एक हजार मीटर के प्रतिबंधित दायरे में फिर से हुए दो अवैध निर्माण के संबंध में निगम कमिश्नर की ओर से संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी करके इसका जवाब देने को कहा गया है। हालांकि इसका जवाब उन्हें तीन दिनों के अंदर अंदर देने को कहा गया था, परंतु कई दिन दिन गुजर जाने के बावजूद अभी तक किसी ने उत्तर नहीं दिया है। निगम अधिकारी शीघ्र जवाब न मिलने पर अगली कार्रवाई के भी मूड में हैं।
असलहा डिपो के नजदीक
गिराए थे निर्माण
राज्य के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू के आदेश के बाद निगम की ओर से बीते जून में अवैध इमारतों के निर्माणों को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई थी। इस अभियान के तहत ही मानसा रोड स्थित छावनी के असलहा डिपो के नजदीक 1000 मीटर के दायरे में बनी हुई दो इमारतों पर निगम ने कार्रवाई की थी। चूंकि 1000 मीटर के दायरे में बि¨ल्डग के निर्माण पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके बावजूद निगम अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोगों ने बीते समय के दौरान निर्माण कर लिया था। जबकि कुछ बि¨ल्डगों को निर्माण चल रहा था। इस पर बीते जून में निगम ने दो बि¨ल्डगों के निर्माण को रोकते हुए आगे के कुछ हिस्सों को गिरा दिया था तथा बाकी की बि¨ल्डग संबंधित मालिक को ही गिराने को ही कह दिया था। लेकिन संबंधित मालिकों ने बाकी के निर्माण तो क्या गिराने थे, उल्टा जो गिराए गए थे, उसे भी दोबारा बना लिया गया। हालांकि इनका दोबारा निर्माण न हो, इस पर नजर रखना संबंधित बि¨ल्डग ब्रांच के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती थी, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि निगम अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्होंने फिर से निर्माण कर लिया। दैनिक जागरण ने प्रकाशित किए दोबारा निर्माण के समाचार
दैनिक जागरण जागरण की ओर से बीती सात सितंबर को मलबे में दब गई सिद्धू की सख्ती, मानसा रोड पर फिर कब्जे शुरू और 15 सितंबर को पहले होने देते हैं अवैध निर्माण, फिर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति शीर्षक से समाचार प्रकाशित करके प्रमुखता के साथ यह मुद्दा उठाया था। निगम की ओर से कई दिनों के बाद इस मुद्दे का हाल ही में संज्ञान लिया गया है। इस संबंध में निगम कमिश्नर डॉ. ऋषिपाल सिंह ने बि¨ल्डग ब्रांच के अधिकारियों से जवाब तलबी करते हुए इसका कारण पूछा है।