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राष्ट्रीय शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के सपने को करेगी साकार: डा.रमेश पोखरियाल

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत के सपने को साकार करेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 10:24 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:24 PM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के सपने को करेगी साकार: डा.रमेश पोखरियाल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के सपने को करेगी साकार: डा.रमेश पोखरियाल

जागरण संवाददाता बठिडा

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रधानमंत्री के आत्म-निर्भर भारत के सपने को साकार करेगी। हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी-2020)के कार्यान्वयन के लिए छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। यह प्राथमिक स्तर पर मातृ-भाषा को बढ़ावा देने और माध्यमिक स्तर पर छात्रों के लिए व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने जैसे कई पहलुओं पर केंद्रित है। उन्होंने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो-दिवसीय आभासी अंतरराष्ट्रीय अखंड सम्मेलन एडुकोन-2020 का शुभारंभ किया। सम्मेलन पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूपीबी) के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी एवं ग्लोबल एजुकेशन रिसर्च एसोसिएशन (जीईआरए)के संरक्षक पद्मश्री डा.महेंद्र शोधा के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का विषय वैश्विक शांति बहाली हेतु युवाओं में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा परिकल्पना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य मूल्य आधारित समग्र शिक्षा प्रदान करना, वैज्ञानिक सोच का विकास करना और साथ ही भारत के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह नीति शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग के लिए रूपरेखा तैयार करने, आनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री के विकास, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की शुरुआत और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच की स्थापना सरीखे नवीन सुधारों पर जोर देती है, जो भारतीय विद्वानों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में लाभदायक सिद्ध होगी।

कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा और अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए प्रतिबद्ध है। यह सम्मेलन शोधार्थियों और शिक्षाविदों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करने से संबंधित रणनीतियों पर अपने विचार रखने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

जीईआरए के अध्यक्ष प्रो.एसके मल्होत्रा और सम्मेलन संयोजक प्रो.एसके बावा ने बताया कि इस दो-दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न व्याख्यान एवं तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और शोधकर्ता सम्मेलन के विषयों और उप-विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे और शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। कुलसचिव कंवल पाल सिंह मुंदरा ने के आयोजन के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने डा.चांद किरण सलूजा, डा.सामदू छेत्री, डा.एस. पासी सहित अन्य विशेषज्ञ वक्ताओं को इस सम्मेलन में शैक्षिक भागीदारी के माध्यम से अपनी सार्थक भागीदारी देने के लिए आभार जताया।


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