गार्बेज फ्री सिटी का रूतबा पाने के लिए फिर तैयारियों में जुटा नगर निगम
नगर निगम एक बार फिर से गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा पाने की कोशिशों में जुट गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता - 2021 में राष्ट्रीय स्तर की रैंकिग में सुधार करने के लिए नगर निगम एक बार फिर से गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा पाने की कोशिशों में जुट गया है। इस वर्ष गार्बेज फ्री का रुतबा पाने में बुरी तरह से विफल रहने का उसे स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर की रैंकिग में 79 वें पायदान पर पहुंचने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। लेकिन इस बार नगर निगम इस रुतबे में सफलता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उसने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में गार्बेज फ्री सिटी के 1000 अंक बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में गार्बेज फ्री सिटी के 1000 अंक जुड़ते हैं। लेकिन इस वर्ष निगम गार्बेज का सिटी का रुतबा हासिल करने में विफल रहा। जिसका नतीजा प्रतियोगिता में 1000 अंकों के कटने से स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता की रैंकिग में 2019 के 31वें स्थान के मुकाबले में 79वें पायदान पर पहुंच गया था। बेशक प्रतियोगिता में राज्य में अपना अव्वल वन का स्थान लगातार तीसरी बार भी बरकरार रखने में कामयाब रहा है। लेकिन इस बार निगम ने गार्बेज फ्री सिटी की फाइव स्टार की रैंकिग हासिल करने की भी ठान रखी है। इसके तहत ही जहां ओडीएफ प्लस-प्लस की री-सर्टिफिकेशन हासिल करने के लिए अप्लाई करने के बाद महानगर की सभी 42 कम्युनिटी और पब्लिक टायलेट्स को चाक चौबंद किया जा रहा है, वहीं गार्बेज फ्री सिटी के लिए भी साथ साथ तैयारियां की जा रही हैं। गार्बेज फ्री सिटी अप्लाई करने के लिए ओडीएफ होना अनिवार्य निगम गार्बेज फ्री सिटी के लिए तभी अप्लाई कर सकता है, अगर उसे इस बार भी ओडीएफ प्लस-प्लस के लिए री-सर्टिफिकेशन मिल जाता है। निगम की ओर से जिस स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं, उससे उसे यकीन है कि ओडीएफ प्लस-प्लस की री-सर्फिटिकेशन मिल जाएगी। इसलिए ओडीएफ के साथ-साथ ही गार्बेज फ्री सिटी के लिए तैयारियां की जा रही हैं। इसके तहत होटलों, स्कूलों, अस्पतालों, मार्केट एसोसिएशनों, मोहल्ला सुधार कमेटियों आदि में सफाई के मुकाबले करवाए जा रहे हैं। इसमें स्कूलों के स्कूलों से और होटलों के होटलों से सफाई के मुकाबले करवाए जा रहे हैं। इस प्रतियोगिता के शीघ्र ही परिणाम घोषित होने वाले हैं। इसी तरह महानगर के सभी वार्डों के लोगों से डेकलारेशन फार्म भरवाए जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि लोग गार्बेज फ्री सिटी के लिए जागरूक हैं। वह मानते हैं कि बठिडा महानगर गार्बेज फ्री सिटी की सभी शर्तें पूरी करता है। इसी तरह शहर में डस्टबिन लगाए जा रहे हैं। ताकि सड़कों, बाजारों में कोई कचरा न फेंके। कूड़ा डंपों को निरंतर साफ किया जा रहा है। ताकि कहीं पर भी कूड़े के डंप लोगों को दिखाई न पड़ें।
पांच सदस्यीय टीम सुबह-शाम कर रही इंसपेक्शन
ओडीएफ प्लस-प्लस अनिवार्य शर्त के मद्देनजर यह री-सर्टिफिकेशन हासिल करने के जहां नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर हरपाल सिंह भुल्लर की अगुआई में पांच सदस्यीय टीम सुबह और शाम को हर रोज इंस्पेक्शन कर रही है। निगम के अन्य अधिकारी भी इस पर नजर रख रहे हैं। खराब चीजों को तुरंत बदला जा रहा है। कहीं कोई कमी पेशी तो नहीं है, इस पर भी नजर रखी जा रही है और तुरंत इन कमियों-पेशियों को दूर भी किया जा रहा है। क्योंकि ओडीएफ प्लस-प्लस की जांच के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम किसी दिन भी अचानक पहुंच सकती है।