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माडिफाई कर चलाए जा रहे वाहन, पुलिस नहीं करती कार्रवाई

शहर में वाहनों को माडिफाई करके चलाया जा रहा है लेकिन पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:50 PM (IST)
माडिफाई कर चलाए जा रहे वाहन, पुलिस नहीं करती कार्रवाई
माडिफाई कर चलाए जा रहे वाहन, पुलिस नहीं करती कार्रवाई

जागरण संवाददाता, बठिडा: शहर में वाहनों को माडिफाई करके चलाया जा रहा है, लेकिन पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती। हालांकि नियमानुसार किसी भी वाहन को माडिफाई नहीं किया जा सकता, जबकि जिले में मिनी ट्रक से लेकर कार को माडिफाइड कर फास्ट फूड बेचा जा रहा है। वहीं आर्मी व पुलिस के पुराने मोटरसाइकिलों को खरीद कर उनसे मोटाई कमाई की जा रही है। इन्हें बिना किसी फिटनेस सर्टिफिकेट के संचालित किया जा रहा है। बगैर अनुमति खुलेआम चल रही इन दुकानों पर आरटीए से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक सब बेखबर हैं। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी वाहन में माडिफिकेशन करवाकर उसका उपयोग करने की अनुमति नहीं हैं। रोजाना कटते हैं हजारों चालान, इनका एक भी नहीं

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दिन भर शहर की अलग-अलग सड़कों पर वाहनों को माडिफाई कर बनाई गई फास्ट फूड की रेहडि़यां नजर आ जाती हैं। वहीं माडिफाई किए गए बुलेट मोटरसाइकिल भी सड़कों पर दौड़ते हुए नजर आते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि पंजाब में बुलेट का क्रेज ज्यादा है, लेकिन पुराने वाहनों को तैयार कर खरीदना किसी जुर्म से कम नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं व अफसर यहां से निकलते समय इन्हें देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। ट्रैफिक पुलिस रोजाना हजारों चालान काटती है, लेकिन इनका आज तक एक भी चालान नहीं काटा गया। छोटा हाथी को बनाया जा रहा फास्ट फूड स्टाल

वाहनों को माडिफाई करने वालों का काम भी जिले में जोरों पर चल रहा है। वह लोगों की जरूरत के हिसाब से वाहन को माडिफाई कर देते हैं। इसकी एवज में मोटा पैसा वसूल किया जाता है। इस दौरान सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। शहर में सबसे ज्यादा छोटा हाथी वाहन को खरीद कर उसको माडिफाई करवाया जा रहा है। इस पर फास्टफूड का काम करने वाले लोग जगह-जगह पर अपने वाहनों को खड़ा कर अड्डा बना लेते हैं। यहां तक कि इनके कागजातों को भी पुलिस चेक नहीं करती। बठिडा के आरटीए दफ्तर के रिकार्ड के अनुसार वाहनों को माडिफाई कर चलाने वालों का महीने में एक चालान भी मुश्किल से आता है, जबकि इस चालान का जुर्माना भी पांच हजार रुपये तक का है।

जिले में वाहनों को माडिफाई कर चलाना नियमों का उल्लंघन है। हालांकि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती की जाती है। फिर भी जहां कहीं भी वाहनों को माडिफाई करते चलाया जा रहा है, वहां कार्रवाई की जाएगी। पुलिस व आरटीए विभाग मिलकर ऐसे वाहनों को जब्त करेगा और उनके चालान काटेगा।

हरजोत कौर, सचिव आरटीए


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