मिनिस्ट्रियल स्टाफ की कलम छोड़ हड़ताल से न तो रजिस्ट्री हुई न ही किसी की बन पाई आरसी
डीए का तीन फीसद देने का ऐलान करने के विरोध में मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने संघर्ष शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब सरकार की तरफ से डीए का तीन फीसद देने का ऐलान करने के विरोध में मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने संघर्ष शुरू कर दिया है। इसके चलते वीरवार को जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स के सभी दफ्तरों में स्टाफ की ओर से कलम छोड़ हड़ताल की गई। बेशक इस हड़ताल पर करवा चौथ का त्योहार होने के कारण ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। लेकिन जो दो चार लोग काम करवाने के लिए आए, उनको हड़ताल का बोल कर वापिस भेज दिया। जबकि यह हड़ताल फिलहाल दो दिन वीरवार व शुक्रवार की है, जिसके बाद शनिवार व रविवार की छुट्टी होगी तो सोमवार को दफ्तर खुलने की संभावना है। मगर यूनियन की चेतावनी भी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह सोमवार को भी प्रदर्शन कर सकते हैं। वहीं उनके प्रदर्शन के कारण त्योहारों के दिनों में होने वाला सारा काम प्रभावित हो सकता है। हड़ताल से यह काम हुए प्रभावित
मिनिस्ट्रियल स्टाफ की के कारण सबसे अहम काम तो रजिस्ट्रियों का प्रभावित हुआ, यहां पर हर रोज 60 के करीब रजिस्ट्रियां होती है। मगर हड़ताल के कारण दफ्तर पूरी तरह से खाली रहा। इसके अलावा आरटीए दफ्तर में वाहनों की आरसी बनवाने के लिए आने वाले लोगों को यही बोला गया कि आप सोमवार को आएं। जबकि यहां पर हर रोज 250 के करीब वाहनों की आरसी बनाई जाती है। यहां तक कि लोगों को वाहनों की आरसी के लिए भरी जाने वाली फीस का कोड भी नहीं लगाकर दिया गया। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए लोगों को भी खाली हाथ ही वापिस लौटना पड़ा। लोगों को हुई परेशानी : बठिडा के तहसील दफ्तर में अपने मकान के लिए आर्थिक सहायता की मदद लेने के लिए आई राजपती ने बताया कि वह फार्म तो पूरे भर कर फाइल तैयार कर चुकी है, लेकिन अब उसको यहां पर तहसीलदार के साइन करवाने के बाद उसको आगे सब्मिट करना है। लेकिन हड़ताल के कारण कुछ समझ नहीं आ रहा। वहीं सनी ने बताया कि वह यहां पर अपने आमदन के सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए आया है, लेकिन यहां पहुंच कर पता लगा कि हड़ताल है। जबकि वह पिछले कई दिनों से यहां पर चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक उसका हल नहीं हुआ।
संघर्ष जारी रहेगा : यूनियन के सीनियर मेंबर कुलदीप शर्मा ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हर बार सरकार उनको भरोसा देकर संघर्ष को समाप्त करवा देती है। मगर अब डीए की तीन फीसद जारी करने का ऐलान किया गया, जिसको वह किसी भी कीमत पर नहीं अपनाएंगे। अगर सरकार पूरा डीए देगी तो ही वह संघर्ष खत्म करेंगे। इसके विरोध में वह शुक्रवार को भी कलम छोड़ हड़ताल करेंगे, अगर इस दौरान भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान न दिया गया तो वह सोमवार को राज्य स्तरीय मीटिग कर अगले संघर्ष की तैयारी करेंगे।