सौ फीसदी घरों से कचरा उठाने में निगम के मिनी टिप्पर फेल
बठिडा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बने 40 कचरा कलेक्शन प्वाइंट को खत्म करने और सीधा घरों से कचरा उठाकर सॉलिड वेस्ट प्लांट तक पहुंचाने के लिए नगर निगम बठिडा की तरफ से शुरू किए गए मिनी टिप्पर शहरवासियों के लिए अभी लाभदायक साबित नहीं हो रहे हैं।
नितिन सिगला, बठिडा : शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बने 40 कचरा कलेक्शन प्वाइंट को खत्म करने और सीधा घरों से कचरा उठाकर सॉलिड वेस्ट प्लांट तक पहुंचाने के लिए नगर निगम बठिडा की तरफ से शुरू किए गए मिनी टिप्पर शहरवासियों के लिए अभी लाभदायक साबित नहीं हो रहे हैं। मिनी टिप्परों का कचरा उठाने की टाइमिग ठीक न होने कारण सौ फीसदी घरों से कचरा नहीं उठ पा रहा है, वहीं कई इलाके के लोग तो मिनी टिप्पर समय पर नहीं आने के कारण अपने घरों का कचरा प्राइवेट सफाई कर्मचारियों के जरिए उठवा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कचरा कलेक्शन करने का समय ठीक नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उनका कहना है कि कभी दोपहर के समय कचरा उठाने आते है, तो कभी शाम के समय। कई बार तो ऐसा होता है कि वह कचरा ही नहीं लेकर जाते हैं। इस समस्या को लेकर बीते दिनों कुछ पार्षदों ने निगम कमिश्नर के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवा चुके है। वहीं मिनी टिप्परों का टाइम टेबल ठीक करने की गुहार लगा चुके हैैं, ताकि समय पर घरों से कचरा उठ सके। ऐसे में निगम ने जिस समस्या का समाधान करने के लिए यह योजना शुरू की थी, उसे शहरवासियों को अभी तक छुटकारा मिलता नजर नहीं आ रहा है।
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लोग बोले कभी दोपहर, तो कभी शाम को पहुंचे
कचरा उठाने बसंत बिहार निवासी आशीश बांसल का कहना है कि निगम ने मिनी टिप्पर की योजना अच्छी बनाई है, लेकिन उनका कचरा एकत्र करने का टाइम टेबल ठीक नहीं होने के कारण लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। हरबंस नगर के प्रेम कुमार का कहना है कि निगम की रेहड़ी योजना अच्छी और सफल थी, क्योंकि हर रेहड़ी वाला घर-घर आकर कचरा एकत्र करता था, जिसे सभी घरों से कचरा उठ भी जाता है, लेकिन मिनी टिप्पर गलियों में आने की बजाए सड़कों पर खड़े रहते है। -----
मिनी टिप्पर छोड़ देते हैं कई इलाके
लोगों की शिकायत है कि मिनी टिप्पर वाले सफाई कर्मचारी पूरे इलाके को कवर नहीं करते हैं। वह इलाके में आते जरूर है, लेकिल सायर बजाते है और एक से दो मिनट तक इंतजार करने के बाद कूड़ा लिए बिना वहां से चले जाते है। उनका कहना है कि कुछ मिनी टिप्पर वाले कुछ मोहल्ले की एक-दो गलियों से कचरा उठाकर चले जाते है। जिसका कारण है कि एक टिप्पर को 1200 से घरों से कचरा उठाने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में सफाई कर्मचारी सभी घरों से कचरा उठाने की बजाए, कुछ घरों से उठाकर चले जाते है। ----
आठ जोन में चलाए 46 टिप्पर, फिर भी नहीं उठ रहा कूड़ा
बताते चले कि निगम ने शहर के सभी सेकेंडरी प्वाइंट को खत्म करने के लिए करीब तीन करोड़ रुपए खर्च कर 46 मिनी टिप्पर खरीदकर उन्होंने शहर के आठ जोन में चलाएं है। जिसके जरिए 65 हजार घरों व 16 हजार कॉमर्शियल दुकानों से सीधे कचरा उठाने की प्लानिग की है, लेकिन निगम की योजना में टाइम टेबल ठीक न होने के कारण यह योजना लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।
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शहरवासियों की भलाई के लिए यह योजना शुरू की गई है। शुरुआती दिनों में कुछ समस्याएं आ रही हैं, जिन्हें धीरे-धीरे ठीक किया जा रहा है। आगामी दिनों में सभी मिनी टिप्परों का टाइम टेबल सही कर दिया जाएगा।
-डॉ. रिशीपाल सिंह, निगम कमिश्नर