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अकाली और कांग्रेसी पार्षदों में टकराव, बैठक छोड़ चले गए कमिश्नर

अकाली पार्षदों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल पर जमकर व्यंग कसे। राज¨बदर सिद्धू ने कहा कि आपणे खजाना मंत्री साहब तों वी कुश मंग लो..।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Mar 2018 03:04 AM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 03:04 AM (IST)
अकाली और कांग्रेसी पार्षदों में टकराव, बैठक छोड़ चले गए कमिश्नर
अकाली और कांग्रेसी पार्षदों में टकराव, बैठक छोड़ चले गए कमिश्नर

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा

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निगम की बजट बैठक में बेशक बजट के तमाम एजेंडों को हाउस ने सर्वसम्मति के साथ पारित कर दिया, लेकिन शिअद पार्षदों की ओर से विकास कार्यों के लिए राशि को लेकर वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल को निशाने पर लेने के जवाब में कांग्रेसी पार्षद द्वारा श्री दरबार साहिब का जीएसटी माफ करने तथा इंदिरा गांधी परिवार की ओर से अपनी जानें न्योछावर करने की बात करने पर अकाली-कांग्रेसी पार्षदों में टकराव पैदा हो गया। इस पर कांग्रेसी और अकाली पार्षदों के बीच जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे की बीच ही बैठक खत्म हुई। इस बेवजह के मुद्दे पर तनातनी की भनक पड़ते ही नवनियुक्त निगम कमिश्नर ऋषिपाल ¨सह बैठक को बीच में छोड़कर चले गए।

मनप्रीत को निशाने पर लेने से बढ़ा तनाव

वास्तव में निगम हाउस की बैठक के दौरान जब भी कांग्रेसी पार्षद विकास कार्य न होने का सवाल उठाते हैं तो बीच में से कोई अकाली पार्षद वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से राशि लेकर आने का तंज कसने लगते हैं। मंगलवार को भी जैसे ही कांग्रेस पार्षद मलकीत ¨सह ने बजट में अपने वार्ड में सीवरेज न डाले जाने का मुद्दा उठाया तो अकाली पार्षद राज¨बदर सिद्धू ने वित्तमंत्री पर व्यंग्य कसते हुए उनसे राशि लेकर आने की बात कह डाली। इस पर मलकीत ने कह दिया कि कांग्रेस सरकार ने श्री दरबार साहिब के लंगर पर लगने वाला जीएसटी माफ कर दिया है। आप केंद्र के हिस्से का जीएसटी भी माफ करवाएं और केंद्र से विकास कार्यों के लिए भी राशि मांगे। इसके बाद जैसे ही मलकीत ने इंदिरा गांधी परिवार द्वारा अपनी जानें न्योछावर करने व सिख मनमोहन ¨सह को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही तो राज¨बदर ने 1984 के दंगों में चार हजार सिखों को मारने की बात भी कह डाली। इन्हीं बातों को लेकर दोनों पक्षों के बीच इतनी तकरार बढ़ गई कि बैठक को यहीं पर खत्म करना पड़ा। इस दौरान अकाली पार्षदों ने सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का ¨नदा प्रस्ताव लाने की बात भी कही। इसी शोर शराबे के बीच मेयर एवं अन्य अधिकारी उठकर चले गए।

बैठक से उठकर चले गए कमिश्नर

धार्मिक मुद्दे को लेकर जैसे ही कांग्रेसी और अकाली पार्षद आपस में बहस करने लगे तो कमिश्नर ऋषिपाल ¨सह बैठक से उठकर चले गए। इससे पहले उन्होंने बैठक के दौरान मेयर व डिप्टी मेयर से बात करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बहस करने की बजाय बजट पर चर्चा करनी चाहिए। जागरण से बात करने पर उन्होंने कहा कि यह सेंसेटिव इश्यू है। पार्षदों को बजट पर फोकस करना चाहिए था। संतोष महंत को मनाने नहीं गए

बैठक के शुरु होते ही अकाली पार्षद हर¨वदर शर्मा ने शहर में भगवान श्री परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का मेयर को ज्ञापन सौंपा तो काफी देर तक फोटो ¨खचवाते रहने पर कांग्रेसी पार्षद मलकीत ¨सह ने उसे बस हो गई, हो गई.. करके व्यंग कस दिया। इस पर हर¨वदर तैश में आकर वाकआउट कर गया। मेयर नाथ बाहर पीछे जाकर उसे मनाकर अंदर ले आए। लेकिन जब अकाली दल की ही पार्षद संतोष महंत ने वॉकआउट किया तो उसे मनाकर वापस लाने के लिए वह बाहर नहीं गए। जाते हुए संतोष महंत इस भेदभाव पर गहरा रोष व्यक्त कर रही थीं। मनप्रीत बादल पर जमकर व्यंग

अकाली पार्षदों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल पर जमकर व्यंग कसे। राज¨बदर सिद्धू ने कहा कि आपणे खजाना मंत्री साहब तों वी कुश मंग लो..। एक पार्षद ने कहा कि परसराम नगर दे मिनी रोजगार्डन दा बिजली बिल भरण वाला पया है..। गौरतलब है कि वित्तमंत्री ने चुनाव दौरान परसराम नगर में मिनी रोजगार्डन बनाने की घोषणा की थी। इस पर मेयर ने भी चुटकी लेते हुए कर्मचारियों से कहा ऐह केहड़ा बई पार्क..। एक पार्षद ने कहा लोक वित्तमंत्री ते डले मारेया करणगे..।


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