नाटक पेश कर लोगों को किया जागरूक
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से महावीर दल में लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। इस कार्यक्रम को संतुलन मुहिम के अंतर्गत धीयां दी लोहड़ी के रूप में मनाया गया।
संवाद सहयोगी, ब¨ठडा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से महावीर दल में लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। इस कार्यक्रम को संतुलन मुहिम के अंतर्गत धीयां दी लोहड़ी के रूप में मनाया गया। इसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी संदीप भारती ने लोहड़ी की महत्ता को बड़े ही सरल भाव से समझाते हुए कहा कि हर एक त्योहार को मनाने के लिए अध्यात्मिक और सामाजिक कारण जुड़े होते हैं, जिस प्रकार हम लोहड़ी के त्योहार में अग्नि प्रज्ज्वलित करते हैं, और एक वाक्य कहते हैं ईसर आ दलिदर जा' दलिदर की जड़ चूल्हे पा। भाव हमारे जीवन से बुराई खत्म हो और अच्छाई का प्रवेश हो। लोहड़ी की यह पवित्र अग्नि हमें संदेश दे रही हैं कि जब ऐसी ही अग्नि भाव ब्रह्मज्ञान की अग्नि हमारे अनत: करण में प्रज्वलित होगी, जो हमारे कर्म संस्कार जिसमें हम बंधन में पड़ते हैं जिसे वह सबको जलाकर राख कर देती हैं। बेटियों की संख्या बेटों के मुकाबले बहुत कम हैं। इसी अनुपात को कम करने के लिए आशुतोष महाराज जी ने संतुलन नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया हैं, संतुलन भाव समानता। इसी के तहत ऐसी समानता को दिखाते हुए बच्चों के द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया और साथ ही बच्चों ने नृत्य और भगड़ा कर लोहड़ी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया। अंत में धीयां दी लोहड़ी की विशेषता को बताते हुए साध्वी ने कहा कि हमें अपने भीतर से जागरूक होना जारी हैं तभी हम इस बेटे ओर बेटी के अंतर को खत्म कर पाएंगे।