लाखों की लिफ्ट, एक दिन भी नहीं चली, मरीज परेशान
जनता के पैसे को सरकार की ओर से इस्तेमाल तो किया जा रहा है लेकिन उसका लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा।
ज्योति बबेरवाल, ब¨ठडा : जनता के पैसे को सरकार की ओर से इस्तेमाल तो किया जा रहा है लेकिन उसका लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा। इसकी ताजा मिसाल ब¨ठडा के सरकारी अस्पताल में स्थित चिल्ड्रन अस्पताल के गॉयनी विभाग में लगाई गई लिफ्ट से मिलता है। इस लिफ्ट को लाखों रुपये खर्च करके स्थापित किया गया लेकिन इसको एक दिन भी इस्तेमाल नहीं किया जा सका। ऐसे में जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को सीढि़यों के सहारे ही जाना पड़ता है।
एक दिन भी नहीं चली लिफ्ट
सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन अस्पताल की बिल्डिंग को तकरीबन कुछ साल पहले बनाया गया था। गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए लेबर रूम में लिफ्ट बनाई गई थी। इसका कारण यह था कि डिलिवरी के बाद महिलाओं को वार्ड में आसानी से शिफ्ट किया जा सके और उनको किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़ी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि लाखों रुपये खर्च करके लगाई गई लिफ्ट एक दिन भी नहीं चली। सितमजरीफी देखें कि अस्पताल प्रबंधन ने इसके बारे में एक दिन भी ठेकेदार या निर्माण एजेंसी से लिफ्ट न चलने का कारण नहीं पूछा।
गर्भवती महिलाओं के
लिए बनाई गई थीं
लिफ्ट का निर्माण सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए किया गया था। ताकि गर्भवती महिलाओं को आने जाने में कोई परेशानी न हो। लेकिन गर्भवती महिलाओं को भी स्ट्रेचर के सहारे ही उपर ले जाया जाता है। वहीं लिफ्ट बनाई ही लेबर रूम में गई है। लेकिन लिफ्ट वाला कमरा भी कबाड़ बना कर रखा है। अस्पताल के पास लिफ्ट ठीक कराने
के पैसे नहीं
हमें पता है कि अस्पताल में लिफ्ट चल नहीं रही। हमने उच्च अधिकारियों को लिखकर भेजा था उन्होंने हमें अपने स्तर पर लिफ्ट ठीक करवाने के लिए बोला था। लेकिन हमारे पास बजट नहीं है। अब हमने लिफ्ट ठीक करवाने के लिए उच्च अधिकारियों को पैसों के लिए बोल दिया है।
डॉ. एसएस गिल, एसएमओ, चिल्ड्रन अस्पताल