करन ने रखी ब¨ठडा की लाज पर खुद रिजल्ट से थोड़ा निराश
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को बारहवीं कक्षा का नतीजा घोषित किया है। नतीजों के अनुसार टॉप-टेन में ब¨ठडा के बाबा फरीद स्कूल के छात्र करन कपूर ने जगह बना कर ब¨ठडा की लाज रख ली। करन के अलावा बठिंडा का कोई और छात्र टॉप टेन में जगह नहीं बना पाया। हालांकि टॉप टेन में जगह बनाने वाला करन भी ब¨ठडा का मूल निवासी नहीं है। वह फाजिल्का जिले के गांव घुबाया का रहने वाला है और अपनी पढ़ाई के लिए ही ब¨ठडा के बाबा फरीद स्कूल में होस्टल में रह रहा था।
गुरप्रेम लहरी ब¨ठडा
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को बारहवीं कक्षा का नतीजा घोषित किया है। नतीजों के अनुसार टॉप-टेन में ब¨ठडा के बाबा फरीद स्कूल के छात्र करन कपूर ने जगह बना कर ब¨ठडा की लाज रख ली। करन के अलावा बठिंडा का कोई और छात्र टॉप टेन में जगह नहीं बना पाया। हालांकि टॉप टेन में जगह बनाने वाला करन भी ब¨ठडा का मूल निवासी नहीं है। वह फाजिल्का जिले के गांव घुबाया का रहने वाला है और अपनी पढ़ाई के लिए ही ब¨ठडा के बाबा फरीद स्कूल में होस्टल में रह रहा था।
सक्सेस मंत्रा रोज सात घंटे पढ़ाई और बाकी चीजों से खुद को रखा अलग
प्रदेश में 9वां और जिले में पहला स्थान प्राप्त करने वाले करन कपूर ने बताया कि परीक्षा के दिनों में उन्होंने 6-7 घंटे कड़ी मेहनत की और पढ़ाई के बिना किसी भी और चीज की ओर ध्यान नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनको उम्मीद थी कि कम से कम 99 प्रसेंट अंक आएंगे लेकिन उनको अपना रिजल्ट देख कर निराशा हुई है। वे पंजाब में पहला या दूसरा स्थान आने की उम्मीद कर रहा था। घुबाया में करियाने की दुकान करने वाले जसवंत ¨सह व हाउस वाइफ ऊषा रानी का बेटा करन अपनी इस प्राप्ति से भी ज्यादा खुश नजर नहीं आया।
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जज बनना चाहता है करन
करन कपूर ने बताया कि उनका सपना जज बनने का है। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने के बाद वह चंडीगढ़ चला गया और एलएलबी में दाखिले के लिए एंट्र्रेस टेस्ट की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनका दिल चाहता है कि वह लोगों को इंसाफ दिलाए। इस लिए उन्होंने अपनी ¨जदगी का एकमात्र लक्ष्य जज बनना ही तय किया है।
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बच्चों पर जबरदस्ती न थोपें स्ट्रीम
करन कपूर का कहना है कि वे बच्चों पर जबरदस्ती स्ट्रीम न थोपें। जिस स्ट्रीम में बच्चा जाना चाहता है,उसको उसी में जाने दें। उन्होंने बताया कि उन्होंने सीबीएससी में 95 फीसदी अंक लेकर दसवीं पास की है। लेकिन उनका मन सीबीएसई में नहीं लगा तो उसने ग्यारहवीं में पीएसईबी में दाखिला ले लिया। मेरे घर वाले भी मेडिकल व नॉन मेडिकल के लिए दबाव बना रहे थे लेकिन जब मैंने उनको समझाया तो वे मान गए । हयुमेनटीज में भी ढेरों ऑप्शंस हैं।