दिल्ली में संघर्ष कर रहे किसानों के लिए भीखी में बन रहीं गुड़ की मट्ठियां
मानसा जिले के भीखी का बाबा गुद्दड़ शाह के डेरे का माहौल देखते ही बनता है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : मानसा जिले के भीखी का बाबा गुद्दड़ शाह के डेरे का माहौल देखते ही बनता है। डेरे में कई भट्ठियों पर कड़ाहियां चढ़ी हुई हैं, जिनमें मट्ठियां बनाई जा रही हैं। बड़ी गिनती में महिलाएं मट्ठियां बनाने की सेवा में लगी हुई हैं। ऐसा लगता है जैसे गांव में कोई मेला लगा हुआ हो और इसके लिए यह मट्ठियां तैयार हो रही हैं। यह मेला गांव में तो नहीं, नई दिल्ली में जरूर लगा हुआ है। राज्य भर के किसान दिल्ली में कृषि सुधार कानूनों को रद करने के लिए संघर्ष करने गए हुए हैं, तो इस डेरा में उन्हें ऊर्जा से भरपूर रखने के लिए गुड़ की मट्ठियां तैयार हो रही हैं। डेरे में मीठी मट्ठियां बनाने का यह सिलसिला पिछले कई दिन से चल रहा है। अब तक क्विंटल के हिसाब से मट्ठियां बनाकर दिल्ली भेजी जा चुकी हैं। गांव के लोग इन मट्ठियों के लिए डेरे में रसद पहुंचा रहे हैं। आसपास के अन्य गांवों से भी अपील की गई है कि वह यहां रसद पहुंचाएं, ताकि मट्ठियां बनाकर भेजने में कोई कमी न आए।
मनजीत कौर बोली, यह पूरे मुल्क के किसानों की लड़ाई
मट्ठियां बनाने के काम में जुटी हुई महिला मनजीत कौर कहती हैं कि सभी लोगों को इस मामले में सहयोग करना चाहिए, ताकि दिल्ली में किसानों को किसी किस्म की दिक्कत न आए। यह सभी किसानों की लड़ाई है न कि किसी एक किसान की। सारे मुल्क की लड़ाई है। इस जंग को जीतकर ही लौटना है। जश्नप्रीत कौर, दरबारो कौर, गुरविदर कौर, सुजान कौर, जसविदर कौर व राजदीप कौर आदि ने बताया कि यह किसानी और किसानों की जमीन का मसला है। दिल्ली में जग लड़ रहे किसानों की यहां से अगर मदद की जाएगी, तभी वे बेफिक्र होकर हौसले के साथ लड़ सकेंगे।
गांव के नौजवान मट्ठियां बनाकर दिल्ली ले जा रहे हैं
संत सिंह, कुलदीप सिंह, हरजीत सिंह व अमर सिंह ने कहा कि गांव के लोगों का बड़ा सहयोग मिल रहा है। गांव से बड़ी मात्रा में रसद पहुंच रही है। अब तक क्विंटल के हिसाब से यहां मट्ठियां निकालकर दिल्ली भेजी जा चुकी हैं। जो नौजवान दिल्ली नहीं गए हैं, उन्हें यह मट्ठियां देकर भेजा जा रहा है। यहां रहकर दिल्ली में संघर्ष कर रहे किसानों की पूरी मदद की जाएगी।