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नए आइजी जसकरण सिंह ने संभाला चार्ज, चुनौतियों के साथ राहत भी

बठिडा रेंज के नए आईजी जसकरण सिंह ने रेंज के आई का पदभार संभाल लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:15 AM (IST)
नए आइजी जसकरण सिंह ने संभाला चार्ज, चुनौतियों के साथ राहत भी
नए आइजी जसकरण सिंह ने संभाला चार्ज, चुनौतियों के साथ राहत भी

जागरण संवाददाता, बठिडा : बठिडा रेंज के नए आईजी जसकरण सिंह ने रेंज के आई का पदभार संभाल लिया है। शुक्रवार को उनका बठिडा के एसएसपी डॉ. नानक सिंह द्वारा स्वागत किया गया और उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बठिडा रेंज में कोई भी आईजी लंबी देर तक टिक नहीं पाया है। 1998 बैच के आईपीएस जसकरण सिंह इससे पहले लुधियाना देहाती के आईजी रहे हैं। बठिडा में उनसे पहले अरुण कुमार मित्तल व उनसे पहले एमएफ फारुखी आइजी रह चुके हैं। लेकिन राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण वे बठिडा में ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये। बठिडा के नए आईजी जसकरण सिंह के सामने भी काफी चुनौतियां हैं। मौड़ मंडी बम ब्लास्ट बठिडा के नए आईजी के लिए सबसे बड़ा चैलेंज रहेगा। क्योंकि अभी तक आरोपितों को पकड़ा नहीं जा सका। इसके अलावा डेरा सिरसा के श्रद्धालुओं का भी यह गढ़ रहा है। उनका विवाद बठिडा से ही शुरु हुआ था। डेरा सिरसा का पंजाब का हेडक्वार्टर भी बठिडा जिले के गांव सलाबतपुरा में ही है। इसके अलावा हरियाणा के साथ सीमा होने के कारण अवैध शराब की तस्करी बहुत होती है। इसके अलावा राजस्थान भी करीब होने के कारण वहां से अन्य नशों की तस्करी काफी होती है। पाकिस्तान से आने वाले नशों को भी भारत में बठिडा के रास्ते ही आगे लेकर जाया जाता है। हालांकि पिछले करीब दो वर्षों में नशों पर काफी कंट्रोल हुआ है। लेकिन नशे का पूर्ण तौर पर खात्मा नहीं हो पाया। राजनीतिक चुनौती

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बठिडा रेंज में बठिडा के अलावा ,मानसा व श्री मुक्तसर साहिब जिले आते हैं। जहां बठिडा लोक सभा हल्के से सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं वहीं श्री मुक्तसर साहिब जिला बादलों का जिला है। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण आईजी के लिए यह भी किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं है। यह राहत भी

बठिडा रेंज के नए आईजी को जहां काफी चैलेंज हैं वहीं कुछ राहत भी है। क्योंकि उनकी रेंज में आने वाले तीनों में सबसे बड़ा जिला बठिडा है और बठिडा जिले का क्राइम अब काफी कंट्रौल में है। पिछले साल की बात करें तो प्रदेश में बठिडा ही एकमात्र ऐसा जिला था जहां पर क्राइम ग्राफ कम हुआ था। जबकि बाकी जिलों में क्राइम बढ़ा था।


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