ब्लू फॉक्स की साइट निगम को वापिस करने की तैयारी में जुटा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट
प्रॉपर्टी के दरों में आई मंदी के कारण ट्रस्ट की हालत यह हो गई है कि नगर निगम से 82 करोड़ की ब्लू फॉक्स की जमीन लेने वाला इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अब फिर से उसकी जमीन को वापिस करने की तैयारी कर रहा है।
साहिल गर्ग, बठिडा :
प्रॉपर्टी के दरों में आई मंदी के कारण ट्रस्ट की हालत यह हो गई है कि नगर निगम से साल 2011 में 82 करोड़ की ब्लू फॉक्स की जमीन लेने वाला इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अब फिर से उसकी जमीन को वापिस करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि निगम ने अभी तक ऐसी कोई बात नहीं की है। वहीं ट्रस्ट के अधिकारी भी इस बाबत योजना तैयार कर रहे हैं। जिनका मानना है कि अगर यह जमीन निगम वापिस ले लेता है तो उनके द्वारा निगम को दिया जाने वाला 80 करोड़ का कर्ज तो उतर ही जाएगा, साथ में यह साइट भी निगम अपनी तरफ से डेवलप कर पाएगा। यहीं नहीं निगम से जमीन लेने के बाद ट्रस्ट इसको डेवलप करने के लिए तीन बार बोली भी करवा चुका है, लेकिन हर बार रिजर्व प्राइज ज्यादा होने के कारण किसी ने भी जमीन लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके अलावा जमीन के न बिकने से ट्रस्ट की यहां पर रोज गार्डन प्लाजा बनाने की योजना भी ठप हो गई। दूसरी तरफ इस जमीन के खत्म होने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि रोज गार्डन के पास बनाए गए ओवरब्रिज के चलते यह जमीन पुल के नीचे आ गई। जबकि, जमीन वापिस करने को लेकर ट्रस्ट के चेयरमैन केके अग्रवाल बीते हफ्ते की गई प्रेसवार्ता में भी बोल चुके हैं।
कई बार किया जा चुका है बेचने का प्रयास
साल 2011 में निगम ने पुडा को पैसों की अदायगी करनी थी, लेकिन उस समय निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। जिसके चलते उनके द्वारा ब्लू फॉक्स की साइट को ट्रस्ट को बेच दिया गया। लेकिन आज तक यह डेवलप नहीं हो सकी और न ही ट्रस्ट निगम को बकाया राशि चुका पाया है। जबकि ब्लू फॉक्स साइट को नीलाम करने के लिए निगम व ट्रस्ट कई बार नीलामी करने का प्रयास कर चुका है। साइट बेचने के लिए निगम 2011 से पहले निगम दो बार प्रयास कर चुका है। इसके बाद ट्रस्ट ने साइट को रोज गार्डन प्लाजा के नाम से डेवलप करने के लिए 1 अक्टूबर 2014 को पहली बोली करवाई, जिसके बद 20 मई 2015 व बाद में 2017 में भी बोली करवाई। लेकिन इस दौरान रिजर्व प्राइस बहुत ज्यादा होने के कारण कोई रिस्पांस नहीं मिला।
नौ साल में भी नहीं लौटा पाया ट्रस्ट 61 करोड़
शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए निगम ने 2009 में ब्लू फॉक्स रेस्टोरेंट की 22 हजार गज जमीन कि एवज में पीआइडीबी से 40 करोड़ का कर्ज लिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में कांग्रेसी नेताओं ने केस दायर किया तो पीआइडीबी को यह जमीन 2010 में निगम को लौटानी पड़ी। इसके बाद 2011 में नगर निगम ने फिर से इस जमीन को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को 82 करोड़ 47 लाख 76 हजार 710 रुपए में बेच दिया। जिसके तहत जमीन का 25 फीसदी 21 करोड़ 25 लाख रुपए निगम को अप्रैल 2011 से जुलाई 2011 के बीच जारी किया जाना था। जबकि, रहती 75 फीसदी राशि 6 किश्तों में 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर साल 2016 तक दी जानी थी। इसमें ट्रस्ट ने 61 करोड़ 22 लाख 76 हजार 710 रुपए की रहती राशि आज तक नहीं जमा करवाई। इसके अलावा इस राशि पर ब्याज अलग से जुड़ रहा है।
बैंक ने भी कर दिया था लोन कैंसिल
ट्रस्ट ने ब्लू फॉक्स की जमीन पर बैंक से लोन भी लिया। जो किश्तों में दिया जाना था। बैंक ने ट्रस्ट को 16 करोड़ का लोन जारी किया था। मगर ट्रस्ट इसकी कोई किश्त नहीं अदा कर सका। ऊपर से बैंक द्वारा लगातार ब्याज लगाए जाने के बाद रकम बढ़ने से बैंक ने लोन देने से मना कर दिया। इसके बाद ट्रस्ट जब काफी समय तक पैसे अदा नहीं कर पाया तो बैंक ने ट्रस्ट को नोटिस भी जारी किया। जिसके बाद ट्रस्ट ने किसी तरह से बैंक का पैसा अदा किया। मगर इसके बाद बैंक ने कोई लोन नहीं दिया। कमर्शियल रेट ज्यादा हुए तो रिहायशी को दी पहल
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की कमर्शियल साइटों के रेट ज्यादा होने के कारण शहर के लोग इनकी बोली में कम ही दिलचस्पी ले रहे हैं। जिसके चलते ट्रस्ट ने केशव डेयरी नगर की साइट को भी कमर्शियल से रिहायशी मे तबदील करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है तो वहीं अब ब्लू फॉक्स की सबसे महंगी 100 करोड़ की साइट को भी निगम को वापिस करने की तैयारी की जा रही है। जबकि, पहले प्रॉपर्टी के रेट ज्यादा होने के कारण ट्रस्ट मालामाल रहता था, लेकिन आज ट्रस्ट के हाल यह हैं कि उसके पास बिलों को पास करने के लिए भी मुश्किल से पैसे जुटाने पड़ रहे हैं।