किसी की लॉकडाउन में नौकरी गई तो किसी का काम हुआ बंद, अब रोजगार मेले का सहारा
पंजाब सरकार की घर घर रोजगार मुहिम के तहत बठिडा में दूसरे दिन भी रोजगार मेला लगाया गया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब सरकार की घर घर रोजगार मुहिम के तहत बठिडा में दूसरे दिन भी रोजगार मेला लगाया गया। यहां पर पांच कंपनियों को बुलाया गया। इसका एक कारण यह रहा कि कोविड-19 को देखते हुए ज्यादा भीड़ नहीं की गई। हालांकि रोजगार मेले के दूसरे दिन ऐसे बेरोजगार युवा ज्यादा पहुंचे, जिनके या तो लॉकडाउन में काम बंद हो गए या फिर नौकरी चली गई। जबकि पिछले कई महीनों से कोई काम न चलने के कारण अब रोजगार मेले का ही सहारा लेने पहुंचे हैं। ऐसे युवाओं का कहना है कि अगर उनको कहीं छोटी मोटी नौकरी भी मिल जाए तो वह कर लेंगे। दूसरी तरफ कुछ पढ़े लिखे युवा ऐसे भी थे, जिन्होंने पढ़ाई तो बीटेक या एमबीए तक की थी। लेकिन उनको नौकरी महज 10 से 12 हजार रुपये तक की मिल रही थी। इसके अलावा बाकी नौकरियां कमिशन बेस्ड ही ज्यादा थी।
मेले के दूसरे दिन एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने ग्रैजुएशन पास के लिए इंश्योरेंस एडवाइजर की नौकरी के लिए इंटरव्यू ली तो अरहम दी फर्स्ट नाट्च कंपनी ने बीटेक, बीकॉम टेली युवाओं के लिए डिलिवरी ब्वाय, रिटेल सेल्स व अकाउंटेंट की नौकरी के लिए इंटरव्यू ली। इसके अलावा च्वाइस इंडिया ने आईटीआई व डिप्लोमा पास के लिए टेक्निकल स्टाफ को रखना था। वहीं चेकमेट सिक्योरिटी कंपनी ने दसवीं व बारहवीं पास को सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी देनी थी। इसी प्रकार हेल्थ केयर 4यू कंपनी ने 12वीं पास के लिए हेल्थ आफिसर रखने के लिए पहले जानकारी दी, फिर इंटरव्यू ली। मगर सभी कंपनियों द्वारा किसी को भी 15 हजार से अधिक का वेतन आफर नहीं किया गया।
इनको रोजगार मेले का सहारा
-- बठिडा के गुरदास सिंह साफ्टवेयर का काम करते थे। मगर लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया। किसी ने अपनी दुकानों या अन्य काम के लिए साफ्टवेयर को तैयार नहीं करवाया। जिसके बाद वह अब रोजगार मेले में पहुंचे। मगर यहां पर भी उनको ज्यादा वेतन नहीं मिला।
-- बठिडा का संदीप मॉल में नौकरी करता था। लेकिन लॉकडाउन में मॉल बंद होने से उसको न तो वेतन मिला न ही कोई दूसरा काम मिला। उसने कई जगहों पर काम की तलाश भी की, मगर बात नहीं बनी। जिसके बाद वह अब रोजगार मेले में नौकरी के लिए पहुंचा था।
-- बठिडा का हैप्पी हनुमान चौक में फास्ट फूड का काम करता था। लॉकडाउन ने उसका सारा काम बंद कर दिया। अब कोरोना का डर होने की वजह से लोग बाजार में नहीं आ रहे। इस कारण जब उसका काम नहीं चला तो वह रोजगार मेले में आया। मगर यहां का वेतन उसको निराश कर गया।