नरमे की बिजाई ज्यादा होगी तो बचेगा 150 करोड़ लीटर पानी
किसानों को नरमे (कपास) की बिजाई ज्यादा करने के लिए खेतीबाड़ी विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब में 10 जून से धान की रोपाई का काम शुरू हो जाता है। मगर इस बार फिर से किसानों को नरमे (कपास) की बिजाई ज्यादा करने के लिए खेतीबाड़ी विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है। इस बार गिरते भूजल स्तर की चिता करते हुए कृषि विभाग व किसान पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि बीते साल जिले में धान की बिजाई 2019 के मुकाबले आधी ही रह गई थी। इसके चलते जमीनी पानी को काफी मात्रा में बचाया जा सका था।
अगर इस बार भी नरमे की बिजाई ज्यादा होती है कि जमीन से कम से कम 150 करोड़ लीटर पानी की बचत होने का अनुमान है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2019 में जिले में 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की बिजाई की गई थी। लेकिन बीते साल दूसरे राज्यों की लेबर न मिलने से धान की बिजाई का आंकड़ा भी कम हो गया, जो सिर्फ 72 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा। इसमें से 40 फीसद किसानों ने तो धान की सीधी बिजाई की है। बात करें तो एक किलो धान के लिए 3 लीटर पानी की जरूरत होती है और एक एकड़ से औसत 75 मन धान की पैदावार होती है। इस हिसाब से अगर 1.30 लाख हेक्टेयर में बिजाई की गई है तो यह 3.21 लाख एकड़ बन जाता है। जिसमें से 2,40,75,000 मन धान की पैदावार होगी और 2.40 करोड़ मन के साथ 96.30 करोड़ किलो धान पैदा हो गया। इसके लिए 288.90 करोड़ लीटर पानी की जरूरत होगी। इसके चलते अब बिजाई आधी रह जाने व 40 फीसद सीधी बिजाई हो जाने से 150 करोड़ लीटर पानी के बचने का अनुमान है।
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पानी बचाने के प्रयास कर रहा विभाग : डा. बहादुर
इसको लेकर मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. बहादुर सिंह ने बताया कि पानी का बचाने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जाता है। वहीं इस बार धान की बिजाई कम होने से पानी की भी काफी बचत होगी।