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जमीन बेचने वाले व मरे किसान कैसे जला सकते पराली, दर्ज मामले उठा रहे सवाल

पंजाब सरकार की ओर से पराली को जलाने से रोकने के आदेश देने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस ने मामले दर्ज करने शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:11 AM (IST)
जमीन बेचने वाले व मरे किसान कैसे जला सकते पराली, दर्ज मामले उठा रहे सवाल
जमीन बेचने वाले व मरे किसान कैसे जला सकते पराली, दर्ज मामले उठा रहे सवाल

गुरप्रेम लहरी, बठिडा : पंजाब सरकार की ओर से पराली को जलाने से रोकने के आदेश देने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस ने मामले दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि मामले दर्ज करते पुलिस ने यह भी नहीं देखा कि जिस पर केस बनाया जा रहा है वह व्यक्ति जिदा भी है या नहीं? पुलिस ने छह साल पहले मरे लोगों पर मामला दर्ज कर दिया। वहीं उन लोगों पर भी केस दर्ज किया जिन लोगों ने कई साल पहले जमीन बेची थी। इसी प्रकार उन किसानों पर भी मामले दर्ज किए हैं जिन्होंने पिछले दो साल से पराली जलानी बंद की हुई है। जिले के गांव कोटबख्तू के किसान जगविदर सिंह पर धान की पराली को जलाने का मामला दर्ज है जबकि उनकी मौत छह साल पहले हो चुकी है। कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके पिता की छह साल पहले मौत होने के बावजूद उन पर उक्त केस दर्ज किया है। उन्होंने जब पता किया तो कहा कि उन्होंने पराली जलाई है। कहा कि पिता ने पराली तो क्या जलानी थी बल्कि मैंने भी पराली नहीं जलाई। ठेके पर जमीन लेकर उस पर धान की बिजाई की थी। लेकिन उन्होंने तो रोटावेटर के साथ इस पर हल चलाया है। आज तक पराली उनके खेत की मिट्टी में मिली है। वहीं गांव मिर्जेआणा के डॉ. मलकीत सिंह मान पर भी पराली जलाने का मामला दर्ज है। जबकि वहां पर मलकीत सिंह को कोई जमीन नहीं है। डॉ. मलकीत सिंह ने बताया कि 30 दिसंबर 2015 को जमीन भाई रंजीत सिंह को बेच दी थी। इसके बाद उस क्षेत्र में उनकी कोई जमीन नहीं है। उसकी जमीन भाई की जमीन से करीब तीन किलोमीटर दूर गांव की दूसरी तरफ है। लेकिन उन पर पराली जलाने का मुकद्दमा दर्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वह हैरान हुए कि बिना जमीन के उन पर मामला दर्ज कर लिया। इस संबंधी सिगो चौकी व तलवंडी साबो के थाना प्रभारी से इंसाफ के लिए गुहार लगाई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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साल से नहीं जलाई पराली, फिर भी केस

गांव मिर्जेआणा के अजायब सिंह ने बताया कि दैनिक जागरण की ओर से पिछले साल चलाए अभियान से प्रभावित होकर पराली न जलाने की शपथ ली थी। इसके चलते उन्होंने पराली जलानी बंद कर दी। पिछले साल भी उन्होंने पराली नहीं जलाई और इस बार भी नहीं। अब वे पराली की गांठे बांधते हैं। लेकिन उन पर थाना तलवंडी साबो पुलिस ने 11 नवंबर को मामला दर्ज कर लिया।

नरमे की फसल करने वाले पर पराली का केस

इसी प्रकार गांव कोटबख्तू के ही किसान मेहर सिंह व इंद्र सिंह पर पराली को जलाने का मामला दर्ज किया है। जबकि यह दोनों ही किसान धान की बिजाई नहीं करते, बल्कि अपनी जमीन में नरमे की फसल करते हैं। गांव के कुछ लोगों पर गलत मामले दर्ज किए हैं जो किसान नरमे की खेती करता है उन पर पराली जलाने के मामले दर्ज किए हैं। सरकार को चाहिए कि वे किसानों को या तो पराली के निप्टारे के लिए औजार व मशीनें उप्लब्ध कराएं या फिर पराली रखने के लिए सरकारी जगह मुहैया करवाए।

चरनजीत सिंह, महिला सरपंच के पति, गांव कोट बख्तू मलकीत सिंह मान के पास सिंहपुरा साइड कोई जमीन नहीं है। उन्होंने अपनी जमीन कई साल पहले ही भाई रंजीत सिंह को बेच दी थी। उन पर दर्ज किया मामला गलत है। अजैब सिंह पिछले दो साल से पराली को नहीं जला रहे। इस बात की गारंटी लेता हूं।

मलकीत सिंह, सरपंच, गांव मिर्जेआणा गलत मामला दर्ज है तो अपील कर सकते

हमने माल विभाग से रिकॉर्ड लिया था। उसके आधार पर ही मामले दर्ज किए थे। अगर किसी किसान पर गलत मामला दर्ज हुआ है तो वह हमें दरखास्त देकर अपील कर सकता है। मामले की जांच की जाएगी, अगर दरखास्त सही पाई गई तो मामला रद कर दिया जाएगा।

एचएस संघा, एसपी (डी)


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