Move to Jagran APP

सेहत विभाग डेंगू व कोरोना के को-इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों का करेगा अध्ययन

बठिडा जिले में कोरोना सीजन के दौरान कुछ ऐसे मरीज भी सामने आए थे जिन्हें कोरोना के साथ-साथ डेंगू भी हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 04:52 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 04:52 AM (IST)
सेहत विभाग डेंगू व कोरोना के को-इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों  का करेगा अध्ययन
सेहत विभाग डेंगू व कोरोना के को-इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों का करेगा अध्ययन

जासं,बठिडा: बठिडा जिले में कोरोना सीजन के दौरान कुछ ऐसे मरीज भी सामने आए थे जिन्हें कोरोना के साथ-साथ डेंगू भी हुआ था। विशेषज्ञ अब इस तरह के केसों का अध्ययन कर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने इन मरीजों का डाटा जुटाना शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम पंजाब के स्टेट प्रोग्राम अफसर ने सभी सिविल सर्जनों से कोरोना व डेंगू को-इफैक्शन केसों का ब्योरा मांगा है। सिविल सर्जनों को बाकायदा परफार्मा भेजा गया है जिसमे उन्हें यह बताने को कहा है कि मरीज में डेंगू और कोरोना की रिपोर्ट कब पाजिटिव आई थी। यदि मरीज की मौत हुई थी तो उसमें उसकी काज आफ डेथ क्या था?

गौरतलब है कि पिछले दो माह में कोरोना महामारी के बीच मौसमी बीमारियों ने लोगों की चिता बढ़ा रखी है। बदलते मौसम में इंफ्लूएंजा और टाइफाइड से लेकर मच्छर जनित रोगों डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इन दिनों खासकर डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच डेंगू ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी चिता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना और डेंगू का दोहरा संक्रमण इतना खतरनाक है कि डाक्टरों को भी इलाज में दिक्कत आ रही है। कोरोना और डेंगू के डबल अटैक से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए फिलहाल कोई 'स्टैंडर्ड प्रोटोकाल' नहीं है। ऐसे में इन दोनों खतरनाक बीमारियों के इलाज में बहुत ज्यादा संतुलन की जरूरत बताई जा रही है। दोनों बीमारियों का कोई निश्चित उपचार नहीं है, जिसके कारण ऐसे रोगियों का इलाज करना डाक्टरों के लिए और मुश्किल हो जाता है। कोविड-19 और डेंगू दोनों में लक्षण के आधार पर इलाज करना होता है और उपचार के कुछ पहलू विरोधाभासी हैं। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग इस तरह की स्थिति में मरीजों को उपचार व केयर के लिए अपनाए जाने वाले मापदंड को लेकर थ्योरी तैयार कर रहा है ताकि आने वाले समय में इस तरह की स्थिति से निपटा जा सके। इस साल डेंगू मरीजों में पहले के मुकाबले कई लक्षण अलग तरह के रहे जिसमें सिरदर्द व शरीर के विभिन्न हिस्सों मंप कमजोरी लंबे समय तक देखने को मिली। वही ठीक हो चुके मरीज अभी भी शारीरिक कमजोरी से जूझ रहे हैं। इसमें सर्वाधिक समस्या 40 साल से ऊपर के मरीजों में देखने को मिली। फिलहाल विभाग इन तमाम स्थितियों का अवलोकन करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसमें सभी सिविल सर्जनों को रिपोर्ट बनाते समय पूरी सावधानी बरतने की भी हिदायतें दी है। गौरतलब है कि बठिडा जिले में डेंगू ने सर्वाधिक असर डाला है व मरीजों की संख्या 2630 है। हालांकि कुल मरीजों के मुकाबले मृतकों की तादाद ज्यादा नहीं रही, लेकिन इस दौरान कई ऐसे मरीज भी सामने आए जिन्हें पहले कोरोना हो चुका था या फिर एक ही समय में दोनों बीमारियों से ग्रस्त रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.