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Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा, Private hospitals पर कसेगा शिकंजा

Ayushman Bharat Scheme बीमा योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व बीमा कंपनी ने फर्जी क्लेम रोकने व संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 10:35 AM (IST)
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा, Private hospitals पर कसेगा शिकंजा

बठिंडा [नितिन सिंगला]। Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान सरबत सेहत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व बीमा कंपनी ने फर्जी क्लेम रोकने व संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से भेजे जाने वाले बिलों की क्रास चेकिंग के अलावा उन बिलों पर नजर रखने के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है, जिसे स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट नाम दिया गया है। इस यूनिट में राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है।

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जिलास्तर पर गठित इस यूनिट का चेयरमैन डीएमसी (डिप्टी मेडिकल कमिश्नर) को बनाया गया है। उनके अधीन दो एसएमओ (सीनियर मेडिकल अफसर), जिला कोआर्डिनेटर स्टेट हेल्थ एजेंसी, जिला ग्रीवांस अधिकारी ऑफ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और एक रिप्रजेंटेटिव ऑफ स्टेट अथॉरिटी को शामिल किया गया है। इसके तहत राज्य स्तर की कमेटी के पास जाने वाली हर शिकायत की जांच जिला स्तर पर बनी कमेटी करेगी।

जांच कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर ही नेशनल हेल्थ अथॉरिटी बिल मंजूर करेगी। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी को बीते दिनों ट्रेनिंग भी गई है। इस यूनिट का मकसद प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से भेजे जाने वाले फर्जी बिलों के क्लेम और फर्जी कार्ड को रोकना है।

प्राइवेट अस्पताल कर रहे हैं ज्यादा मरीजों का इलाज

बठिंडा जिले की बात करें तो 1.85 लाख के करीब लोगों के योजना के कार्ड बन चुके हैं। इसमें करीब 18 हजार लोग अपना इलाज भी करवा चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। सेहत विभाग के रिकार्ड के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों ने 14.50 करोड़ रुपये के बिल क्लेम करने के लिए अथॉरिटी के पास भेजे हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों ने करीब 2.30 करोड़ रुपये के बिल क्लेम के लिए भेजे हैं। इसमें प्राइवेट व सरकारी दोनों के मिलाकर करीब 8.16 करोड़ रुपये का क्लेम विभाग की तरफ से पास कर दिया गया है, जबकि 7.70 करोड़ रुपये के बिल पेंडिंग पड़े हैं, जिनकी क्रास चेकिंग की जा रही है।

शिकायत करने के लिए एनएचए ने जिला स्तर पर बनाए दो पोर्टल

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने यूनिट को चलाने के लिए दो पोर्टल भी बनाए हैं, जहां मरीज संबंधित अस्पताल के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं। पोर्टल में शिकायत करने वाले मरीज का नाम गुप्त रखा जाएगा। आयुष्मान योजना में इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से बिल सीधा इंश्योरेंस कंपनी को भेजे जाते हैं। यूनिट बनने के बाद अब इंश्योरेंस कंपनी को किसी अस्पताल पर फर्जी बिल भेजने का संदेह लगता है तो उसकी जानकारी स्टेट यूनिट को दी जाएगी। जांच के दौरान अगर अस्पताल गलत पाया गया तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने का भी प्रावधान रखा गया है।

दैनिक जागरण ने किया था फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

पंजाब में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने किया था। इसके बाद देशभर में ऐसे मामले सामने आने लगे। हरकत में आई राज्य सरकार ने सभी जिले के सीएमओ व डीएमसी को पत्र भेजकर अपने-अपने जिले में बने फर्जी कार्डों की जांच कर उनकी रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही उन प्राइवेट अस्पतालों की सूची मांगी थी, जिन्होंने फर्जी कार्ड के क्लेम किए थे।

हालांकि, बठिंडा के सेहत विभाग के अधिकारियों का दावा है कि बठिंडा जिले में कोई भी फर्जी कार्ड नहीं बना या फर्जी क्लेम करने की शिकायत भी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों शहर के प्राइवेट कैंसर अस्पताल की तरफ से फर्जी कार्ड बनाने की शिकायत टोल फ्री नंबर पर की गई थी, लेकिन जिला स्तर पर बनी कमेटी ने ऐसी कोई भी शिकायत उनके पास नहीं पहुंचने का दावा किया है।

प्राइवेट अस्पतालों का रिपोर्ट कार्ड होगा तैयार

बठिंडा के डीएमसी डॉ. एसएस रोमाणा का कहना है कि जिले में स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट का गठन हो चुका है, जो कि प्राइवेट अस्पतालों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी। टीम की तरफ से रोजाना की ओपीडी और डॉक्टर की स्पेशियलिटी की रिपोर्ट भी इंश्योरेंस कंपनी को भेजी जाएगी।

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