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25 दिन से माडल टाउन में था बोडो लिब्रेशन टाइगर्स फोर्स का पूर्व आतंकी

असम के बोडो लिबरेशन टाइगर्स फोर्स का पूर्व आतंकी संजय भराव बठिडा में अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर हथियार बना रहा था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 04:31 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 04:31 AM (IST)
25 दिन से माडल टाउन में था बोडो लिब्रेशन टाइगर्स फोर्स का पूर्व आतंकी
25 दिन से माडल टाउन में था बोडो लिब्रेशन टाइगर्स फोर्स का पूर्व आतंकी

जासं,बठिडा: असम के बोडो लिबरेशन टाइगर्स फोर्स का पूर्व आतंकी संजय भराव बठिडा में अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर हथियार बना रहा था। पुलिस ने उसके पास से दो पिस्टल, दो अधजली पिस्टल और असलहा तैयार करने वाला सामान बरामद किया है। उसका साथी अमरीक सिंह निवासी चोटियां जिला मुक्तसर फरार है।

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पता चला है कि संजय भराव पिछले 25 दिन से माडल टाउन फेज-1 में बने एक क्वार्टर में अपने साथी अमरीक सिंह के साथ किराए के मकान में रह रहा था। वह बठिडा समेत आसपास के इलाके में अपने सहयोगी अमरीक सिंह के साथ प्लंबर का काम करता था। संजय भराव ने इससे पहले असम में बोडो लिबरेशन टाइगर्स फोर्स के लिए हथियारों का निर्माण और आपूर्ति की थी। बताया जा रहा है कि वह पिस्टल बनाने में माहिर है। वह अब पंजाब आने और हथियार बनाने और आपूर्ति करने की योजना बना रहा था। 15 को सीएम के दौरे से पहले मिली पुलिस को सफलता

बठिडा जिले में उक्त पूर्व आतंकी के होना इस मायने में भी पुलिस की चिता बढ़ा रही है कि 15 अक्टूबर को दशहरा उत्सव में राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी शिरकत करने आ रहे हैं। वही त्योहारी सीजन होने के चलते प्रमुख बाजारों में लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है। इसलिए पुलिस अलर्ट पर थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि असम के एक आतंकवादी संगठन का व्यक्ति बठिडा में अवैध पिस्टल बनाने का काम करता है। पुलिस ने पूरे शहर की घेराबंदी कर गत सोमवार रात पावर हाउस रोड स्थित मच्छी चौक से संजय भराव को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह पंजाब में हथियार बनाना और बेचना चाहता था। उधर, मुख्यमंत्री के दौरे से पहले उसकी गिरफ्तारी से कई तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं। बठिडा के एसएसपी अजय मलूजा खुद आरोपित से पूछताछ कर रहे हैं। कहा जाता है कि वह पहले कई अन्य शहरों में रहा था। पुणे में हुई थी संजय और अमरीक सिंह की मुलाकात

डीएसपी सिटी टू असवंत सिंह ने कहा कि संजय एक सुरक्षा एजेंसी के लिए काम करता था। उसका फरार चल रहा साथी अमरीक सिंह भी पुणे में सुरक्षा गार्ड था। दोनों की मुलाकात उसी वक्त हुई थी, जिसके बाद संजय पंजाब आ गया। आरोपित से अब भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह पहले कहां रहता था। लोगों को उस पर शक न हो इसके चलते वह प्लंबर का काम करता था। इसके चलते जल्दी से उस पर किसी को शक नहीं होता था।


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