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मुआवजे के लिए किसानों ने गांव पथराला में लगाया धरना

मुआवजे के विरोध में भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने गांव पथराला में धरना लगाने के बाद रोष मार्च भी निकाला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 09:01 PM (IST)
मुआवजे के लिए किसानों ने गांव पथराला में लगाया धरना
मुआवजे के लिए किसानों ने गांव पथराला में लगाया धरना

जागरण संवाददाता, बठिडा: बठिडा-डबवाली रोड सिक्सलेन प्रोजेक्ट के लिए दिए जाने वाले मुआवजे के विरोध में भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने गांव पथराला में धरना लगाने के बाद रोष मार्च भी निकाला।

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इस दौरान राज्य सचिव व जिला प्रधान शिगारा सिंह मान ने बताया कि सरकारों की ओर से बेशक विकास कार्यों को लेकर नई-नई योजना बनाई जाती है और जगह को भी एक्वायर किया जाता है। मगर किसानों को इसका पूरा मुआवजा नहीं दिया जाता। इस कारण लोगों को धरना लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विरोध कर ने पर पुलिस की धक्का-मुक्की भी हो चुकी है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी होने वाली मीटिग में इसका कोई हल नहीं निकला। रोड के लिए हजारों पेड़ों को भी उखाड़ दिया गया है, लेकिन उसकी जगह पर का दूसरे पेड़ नहीं लगाए गए। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिलता तब तक वह अपनी जमीन का कोई भी हिस्सा नहीं देंगे। इस मौके पर हरजिदर सिंह बग्गी, बलजीत कौर, बलजीत सिंह, काला सिंह, सुखदेव सिंह, होशियार सिंह, अजयपाल सिंह, राम सिंह, जसवीर सिंह, जगदेव सिंह, राजविदर सिंह आदि उपस्थित थे। उधर, बुढलाडा में राष्ट्रीय राजमार्ग पीड़ितों का धरना 10वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने में मुआवजा पीड़ितों के अलावा किसान नेता और औरतों ने हिस्सा लिया। पीड़ितों ने कहा कि जिस दिन धरना शुरू किया गया था, हमारी मांग थी कि गांव माछी के जिला मोगा में राष्ट्रीय मार्ग बनाने के लिए जो घर वक्फ बोर्ड पंजाब की जमीन में आए थे, उन लोगों को इमारतों और उजाड़े भत्ते का पूरा मुआवजा मिला है। हमें भी उस तर्ज पर हमारा बनता पुरा मुआवजा मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने हमें यकीन दिया था कि हम इसकी पड़ताल करते हैं। अगर वहां लोगों को मुआवजा मिला हुआ तो आपको भी मिलेगा। उन्होंने कहां कि यह बात स्पष्ट होने के बावजूद भी अब हमें डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि आपको इमारतों और उजाड़े भत्ते का मुआवजा तो मिल जाएगा लेकिन वक्फ बोर्ड के साथ पांच जुलाई को मीटिग चंडीगढ़ में की जाएगी। अब प्रशासन फिर से आनाकानी कर अपनी बात पर मुकर रहा है, क्योंकि प्रशासन भी वर्कर बोर्ड पंजाब से मिलकर हमें कुचलकर मुआवजा हड़प करना चाहता है। अगर प्रशासन तुरंत उनका मुआवजा नहीं देता तो आने वाले दिनों में संघर्ष जंगी सत्र पर शुरू किया जाएगा।


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