Move to Jagran APP

मतदान के विरोध में हजारों किसानों का रोष मार्च, खुदकुशी पीड़ित परिवार की महिला को किया अनदेखा

देश भर में जहां लोकसभा चुनाव का महोत्सव उत्साह के साथ मनाया जा रहा है वहीं भूकियू (एकता उग्राहां) व पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से इस वोट प्रणाली का कड़ा विरोध किया जा रहा है।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 08:27 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 08:27 PM (IST)
मतदान के विरोध में हजारों किसानों का रोष मार्च, खुदकुशी पीड़ित परिवार की महिला को किया अनदेखा
मतदान के विरोध में हजारों किसानों का रोष मार्च, खुदकुशी पीड़ित परिवार की महिला को किया अनदेखा

जागरण संवाददाता, बठिंडा। देश भर में जहां लोकसभा चुनाव का महोत्सव उत्साह के साथ मनाया जा रहा है, वहीं भूकियू (एकता उग्राहां) व पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से इस वोट प्रणाली का कड़ा विरोध किया जा रहा है। यहां तक कि बठिंडा से किसानों के हितों के लिए चुुनाव मैदान में उतरी खुदकुशी पीड़ित परिवार की विधवा वीरपाल को भी कोई समर्थन नहीं दिया जा रहा है। भाकियू व खेत मजदूर यूनियन के इस रवैये से आम लोग हैरान हैं। दोनों संगठनों की ओर से बुधवार को चुनाव के बायकाट को लेकर प्रद्शन किया गया गया। उन्होंने मौजूदा चुनावी सिस्टम की आस छोड़ किसानों के मुद्दों में शामिल खुदकुशियां, जमीनों की कमी, बेरोजगार व नशे के हल के लिए संघर्ष का ऐलान किया। उनके इस प्रदर्शन के कारण शहर के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लोग जाम में फंसे रहे। हजारों की गिनती में इकट्ठे हुए किसान मजदूरों ने टीवी टॉवर के नजदीक रोष रैली करने के बाद वाहनों पर शहर में मार्च शुरू किया।

loksabha election banner

खुदकुशी करने वालों की तस्वीरों के साथ पहुंचे पीड़ित परिवार

इससे पहले किसानों ने किसान व खेत मजदूर जागृति कान्फ्रेंस की गई, जिसमें खुदकुशी पीड़ित परिवारों की महिलाएं सफेद दुपट्टे लेने के अलावा खुदकुशी करने वालों की तस्वीरों को भी साथ लेकर आईं। दूसरी तरफ पुलिस की ओर से किसानों के धरने के दौरान भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए। किसानों द्वारा शहर में निकाले गए मार्च के कारण जगह जगह पर लोग जाम से जूझते रहे। माडल टाउन फेस-1 में टीवी टावर के पास तो किसानों द्वारा खड़ी की बसों व अन्य वाहनों के कारण लंबा जाम लग गया। लोगों को वहां से गुजरने में काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। जबकि किसानों द्वारा निकाला गया मार्च अमरीक सिंह रोड़ पर पहुंच कर समाप्त हुआ। जाम लगने का मुख्य कारण किसानों के 200 से ज्यादा वाहनों का मार्च में शामिल होना था। इस दौरान पुलिस की ओर से जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स के पास तो खास कर फोर्स तैनात की गई।

असम मुद्दों को भुलाकर धर्म के नाम पर वोट ले रहे नेता

भाकियू के प्रदेश प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला के अलावा हरिंदर कौर बिंदू, जोरा सिंह नसराली, सुखदेव सिंह कोकरी कलां व झंडा सिंह ने संबोधित किया। जिन्होंने नेताओं पर लोगों के असल मुद्दों को भुलाकर जाति धर्म के नाम वोटें लेने के आरोप भी लगाए। जबकि किसानों ने कहा कि वोटें किसी भी मसले का हल नहीं है, क्योंकि पिछले 60 साल से हर बार कोई न कोई झूठा वादा कर वोटें तो ले लेती है, लेकिन उसके बाद पार्टी ने कभी किसी की सार नहीं ली।

इन मांगों के लिए किया प्रदर्शन

किसानों की ओर से किसान मजदूरों की जमीनी कमी को दूर करने, खेती की तरक्की के लिए सरकारी निवेश करने, राज्य व देश के वातावरण के अनुकूल अधिक झाड़ देने वाले बीज विकसित करने, मंडीकरण का प्रबंध करने, ङ्क्षसचाई सुविधाएं विकसित करने, विभागों का निजीकरण बंद करने के अलावा किसानों मजदूरों के सारे कर्ज को माफ करने, आत्महत्या पीडि़त परिवारों को दस दास लाख रुपए का मुआवजा देने व परिवार के एक मेंबर को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.