आढ़तियों की हड़ताल: मंडी में किसान नहीं लाए नरमा
आढ़तियों ने 25 दिसंबर तक हड़ताल करने का एलान किया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा: आयकर विभाग की ओर से की छापामारी के खिलाफ आढ़तियों ने 25 दिसंबर तक हड़ताल करने का एलान किया है। इस कारण मंडियों में नरमे की खरीद का काम प्रभावित होने लगा है। जिले में बेशक पहले दिन 17,140 क्विंटल नरमे की फसल की सीसीआइ ने तो खरीद लिया था। दूसरे दिन किसान मंडियों में फसल ही नहीं लेकर पहुंचे। किसानों का कहना है कि जब खरीद ही नहीं होगी, तो मंडी में आकर भी क्या करना है।
मंडियों में नरमे की फसल बेचने के लिए किसान इन दिनों परेशान होने लगे हैं। अब पांच दिनों की हड़ताल के कारण मंडी में आढ़तियों की ओर से नरमे की बोली नहीं लगेगी। जबकि जिले की मंडियों में हर रोज औसतन 25 हजार क्विंटल नरमे की खरीद होती है। जो अब प्रभावित होगी तो 25 के बाद जैसे ही हड़ताल खुलेगी तो मंडियों में नरमे की फसल भी एकदम से आने लगेगी। इसके साथ किसानों को कई कई दिनों तक अपनी फसल बेचने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं जो फसल सोमवार को बिक चुकी है, उसकी अब गांठे बनाकर रख दी गई हैं। जिसको लिफ्ट करने के लिए तुलाई का काम किया जा रहा है।
----
अब तक 7,93,933 क्विंटल नरमे की खरीद
जिले की मंडियों में अब तक 7,93,933 क्विंटल नरमे की खरीद हो चुकी है, जिसमें से 6,00,573 क्विंटल की खरीद सीसीआइ ने की है तो 1,93,360 क्विंटल नरमे की खरीद प्राइवेट व्यापारियों ने की है। जबकि खरीद की गई कुल नरमे की फसल में से 1,62,912 क्विंटल को एमएसपी से कम रेट से खरीदा गया है। हालांकि इस बार नरमे की फसल का एमएसपी 5725 रुपये तय किया गया है। इस साल 1.60 लाख हेक्टेयर में नरमे की बिजाई की गई है, जिसके चलते 10 लाख क्विंटल से ज्यादा की पैदावार होने की उम्मीद है। अभी मंडियों में तीन लाख क्विंटल से ज्यादा नरमे की फसल और आने की संभावना है। गत वर्ष जिले में कुल 9,58,009 क्विंटल की खरीद की गई थी, जिमसें सीसीआइ ने 3,66,863 क्विंटल तो प्राइवेट व्यापारियों ने 5,91,146 क्विंटल की खरीद की थी। इसमें से 5,47,269 क्विंटल की खरीद एमएसपी से कम रेट से की गई है। हालांकि पिछले साल नरमे की फसल का कम से कम रेट 4200 व ज्यादा से ज्यादा रेट 5450 रुपये दिया गया था।
----------------
किसानों ने कहा, हड़ताल से हो रही परेशानी
-मंडी में सोमवार को फसल लेकर पहुंचे थे। जिसकी बोली तो लग गई है। मगर अब फसल की गांठे बनाकर रख दी गई हैं, जिसको वजन करने के बाद उठाया जाएगा। फिलहाल काम बंद हो गया है।
-भूरा सिंह, कोटशमीर
-----------
इन दिनों में नरमे का सीजन पूरी तेजी से चल रहा है। ऊपर से आढ़तियों ने हड़ताल कर दी है। इस कारण किसानों को अब फसल बेचने के लिए इंतजार करना होगा।
-जरनैल सिंह, कोटशमीर
--------
आढ़तियों की हड़ताल से पहले जो फसल बिकनी थी, वह बिक चुकी है। अब तो काम हड़ताल के बाद होगा जबकि बाकी की फसल को बाद में ही लेकर जाएंगे।
-जगदीश शर्मा, झुंबा