इव¨नग ओपीडी : न प्रशासन ने किया प्रसार, न लोग रहे दिलचस्पी
सिविल अस्पताल में ओपीडी बंद होने के बाद भी मरीजों को डॉक्टरी सुविधा कुछ घंटों के लिए हासिल हो सके, उसके लिए सेहत विभाग के तरफ से सिविल अस्पताल में इव¨नग ओपीडी शुरु की गई थी। सेहत विभाग इव¨नग ओपीडी का प्रचार प्रसार अच्छे ढंग से नहीं कर सका है,यही कारण है कि अधिकांश शहरवासियों को इव¨नग ओपीडी के बारे में जानकारी नहीं है। या यूं कहे कि सेहत विभाग का यह फार्मूला फेल साबित हो रहा है।
राजेश नेगी, ब¨ठडा
सिविल अस्पताल में ओपीडी बंद होने के बाद भी मरीजों को डॉक्टरी सुविधा कुछ घंटों के लिए हासिल हो सके, उसके लिए सेहत विभाग के तरफ से सिविल अस्पताल में इव¨नग ओपीडी शुरु की गई थी। सेहत विभाग इव¨नग ओपीडी का प्रचार प्रसार अच्छे ढंग से नहीं कर सका है,यही कारण है कि अधिकांश शहरवासियों को इव¨नग ओपीडी के बारे में जानकारी नहीं है। या यूं कहे कि सेहत विभाग का यह फार्मूला फेल साबित हो रहा है।
तीन घंटों के लिए इव¨नग ओपीडी, सात से आठ मरीज औसतन
सेहत विभाग के तरफ से सिविल अस्पताल की ओपीडी में जुलाई माह से इव¨नग ओपीडी की शुरुआत की गई है। इव¨नग ओपीडी दोपहर को तीन बजे से शाम को छह बजे तक चलती है। सेहत विभाग से जुडे सूत्रों की माने तो इव¨नग ओपीडी में औसतन सात से आठ मरीज ही आ रहे हैं। गौर हो कि इव¨नग ओपीडी के लिए विभाग की तरफ से बकायदा अलग से डॉक्टर नियुक्त किया गया है। सिविल अस्पताल में डॉ.जीएस ढिल्लों इव¨नग ओपीडी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
छह ही मेडिसन का स्टाक डॉक्टर के पास
इव¨नग ओपीडी में डाक्टर के अलावा दूसरा पैरामेडिकल स्टाफ नहीं होता है। मरीज को देखने से लेकर दवा देने की जिम्मेवारी डॉक्टर को ही अदा करनी होती है। मौजूदा समय में इव¨नग ओपीडी में केवल छह ही मेडिसन का स्टाक डाक्टर के पास है। इवनिग ओपीडी में मरीजों को मुफ्त में मेडिसन विभाग की तरफ से दी जाती है। जरुरी मेडिसन डाक्टर को मजबूरन बाहर की मेडिसन लिखनी पड़ रही है। ओपीडी में फिलहाल छह ही मेडिसन का स्टाक डाक्टर के पास है। छह ही मेडिसन से सभी मरीजों का इलाज किसी तरह होगा यह बात खुद एक सवाल बना हुआ है।
कोट्स
सिविल अस्पताल में इव¨नग ओपीडी की सुविधा है। सिविल अस्पताल में इमरजेंसी में मरीज आ जाते हैं,जो केस एमरजेंसी वाले नहीं होते उन्हें डॉक्टर इव¨नग ओपीडी में भेज देते हैं। विभाग अपने स्तर पर भी इव¨नग ओपीडी का प्रचार प्रसार कर रहा है।
डा. कुंदन पाल, सहायक सिविल सर्जन,ब¨ठडा।