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शिक्षा विभाग बढाएगा सरकारी स्कूल के बच्चों की फिजिकल फिटनेस

शिक्षा विभाग ने स्कूल खोल दिए हैं ताकि धीरे-धीरे बच्चों को स्कूल आने की आदत डाली जा सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:02 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:02 PM (IST)
शिक्षा विभाग बढाएगा सरकारी स्कूल के बच्चों की फिजिकल फिटनेस
शिक्षा विभाग बढाएगा सरकारी स्कूल के बच्चों की फिजिकल फिटनेस

संस, बठिडा : कोरोना काल के बीच शिक्षा विभाग ने स्कूल खोल दिए हैं, ताकि धीरे-धीरे बच्चों को स्कूल आने की आदत डाली जा सके। ऐसे में स्कूल में आने वाले बच्चे कोरोना वायरस से बचने के साथ-साथ उन्हें फिट रखने के लिए विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियां करवाने की योजना बनाई है। इसके लिए विभाग ने फिजिकल फिटनेस बढ़ाने के लिए फंड जारी किया है। इसके तहत भारत सरकार की तरफ से फिजिकल एजुकेशन के लिए सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये प्रति स्कूल व मिडिल स्कूलों के लिए दस हजार रुपये प्रति स्कूल फंड जारी किया गया है। इसके तहत बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में जरूरत अनुसार खेल गतिविधियों का सामान खरीदा जाएगा। वहीं जिले के 678 स्कूलों को 47 लाख 85 हजार रुपये का फंड मिला है। साथ ही स्कूलों को जरूरत पर खर्च करने की हिदायत भी दी है। वहीं पहले 15 दिनों में यह ग्रांट खर्च करनी जरूरी होती थी। वहीं इसके तहत 399 प्राइमरी स्कूलों को प्रति स्कूल पांच हजार रुपये के हिसाब 19 लाख 95 हजार रुपये, वहीं 279 मिडिल स्कूलों को दस हजार प्रति स्कूल के हिसाब से 27 लाख 90 हजार रुपये मिलेंगे, जबकि ग्रांट को खर्च करने के लिए तीन मेंबरी कमेटी का गठन किया जाएगा। इसका सारा सामान 15 दिनों के भीतर खरीदना होगा। बच्चों के हिसाब से खरीदा जाएगा सामान इसके तहत पूरा स्पो‌र्ट्स का सामान बच्चों के हिसाब से खरीदा जाएगा। पहले हर स्कूल में बच्चों की लिस्ट बनानी होगी। इसके हिसाब से तह करना होगा, कि कितने सामान की जरूरत है। बच्चों की संख्या के अनुसार ही सामान खरीदा जाएगा। इस समय बच्चे नहीं आ रहे। आगे जाकर कितने बच्चे नए आ सकते हैं, या कम आ सकते हैं। इसके पूरे सामान की लिस्ट बनानी होगी। इस हिसाब से ही पूरा सामान खरीदा जाएगा। अगर सामान पहले से हैं, या फिर खरीदने की जरूरत नहीं है। उस सामान को न खरीद कर पैसे विभाग को वापिस कर दिए जाएंगे। सामान जरूरत के हिसाब से खरीद जाएगा

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सभी स्कूलों को इस संबंध में ग्रांट जारी कर दी गई। यह सामान छोटे बच्चों के खरीदना है। हमने स्कूलों को सामान खरीदने के लिए बोल दिया है। इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से सामान खरीदने के लिए कहा गया है, ताकि फालतू का सामान न खरीदा जाए। इकबाल सिंह बुट्ट, उपजिला शिक्षा अधिकारी


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