श्रमिकों की कमी से एम्स रिग रोड समेत बड़े प्रोजेक्ट देरी से होंगे शुरू
दूसरे राज्यों श्रमिकों के लौट जाने के कारण शहर में चल रहे विकास कार्यों पर काफी असर पड़ा है।
साहिल गर्ग, बठिडा : कोरोना वायरस के कारण दूसरे राज्यों श्रमिकों के लौट जाने के कारण शहर में चल रहे विकास कार्यों पर काफी असर पड़ा है। इस कारण जो प्रोजेक्ट जून व जुलाई के महीने में शुरू हो जाने थे, वह अब और लटक सकते हैं। इसमें सबसे अहम प्रोजेक्ट तो बठिडा की रिग रोड है, जिसका काम इन दिनों में पूरा हो जाना था। लेकिन यह आज भी चल रहा है। वहीं एम्स का निर्माण कार्य भी श्रमिकों के कोरोना पॉजिटिव आ जाने के बाद कुछ समय के लिए रुक गया है। काम के दोबारा शुरू होने के बारे में एम्स अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं कह पा रहे हैं। इसके अलावा बठिडा के रेलवे स्टेशन पर चल रहा एस्केलेटर लगाने का काम भी कुछ समय के लिए प्रभावित हो गया है। बेशक सभी प्रोजेक्टों पर अब काम तो शुरू हो गया है, लेकिन लेबर वर्करों की कमी होने के कारण सभी प्रोजेक्ट पूरे होने में देरी हो रही है।
दूसरी तरफ जिले में चल रही इंडस्ट्री से भी श्रमिक अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। उनके जाने के बाद इंडस्ट्री में लेबर की इतनी ज्यादा कमी हो गई है कि अब उद्योगपतियों को रोजगार दफ्तर का सहारा लेना पड़ रहा है। उनके द्वारा अपनी-अपनी इंडस्ट्री के लिए डिमांड भेजी जा रही है। इसके चलते अब तक रिफाइनरी, स्पोर्टकिग, चाहल स्पिनटैक्स समेत बड़ी इंडस्ट्रियों के प्रबंधक पांच हजार से ज्यादा वर्करों की डिमांड कर चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा वर्कर तो रिफाइनरी में ही चाहिए। इसके बाद रोजगार दफ्तर की ओर से भी उद्योगों की मांग के अनुसार ही काम करना शुरू कर दिया है और अब तक दफ्तर में दो हजार से ज्यादा आवेदन भी आ चुके हैं। हालांकि यह पंजाबियों के लिए एक अच्छा मौका है, जब वह अपने ही प्रदेश में रह कर काम कर सकेंगे। लेकिन उद्योगपति स्किल्ड लेबर की मांग करते हैं, जिसकी काफी कमी है।
अप्रैल में शुरू होना था आयुष विभाग बठिडा के एम्स में आयुष विभाग अप्रैल महीने में शुरू होना था। इसके लिए 30 बेड की इमारत भी बनकर तैयार हो चुकी है। हालांकि यहां पर स्टाफ की तैनाती के लिए भी काम शुरू हो गया था। मगर लॉकडाउन ने इस सारे प्रोसेस को बीच में ही रोक दिया। जबकि आयुष विभाग को अभी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा एम्स में निर्माण कर रहे 10 के करीब मजदूरों के पॉजिटिव आ जाने के बाद निर्माण कार्य भी रोक दिए गए हैं। यहां पर जुलाई के महीने में कॉलेज की इमारत बनकर तैयार हो जानी थी। मगर यह निर्माण कार्य फिर से कब शुरू होंगे, इसके बारे में भी गत दिनों एम्स के डायरेक्टर डॉ. दिनेश कुमार सिंह स्पष्ट तौर पर कोई जानकारी न होने की बात कह चुके हैं। लेकिन यहां पर सारा काम पूरा हो जाने के बाद लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। जबकि एम्स का निर्माण चार फेज में पूरा होना है। रिग रोड का काम भी लटका
शहर को ट्रैफिक मुक्त करने वाली रिग फेज 1 का काम नींव पत्थर रखने के 13 अक्टूबर 2019 को शुरू हुआ था। इसके साथ बरनाला से मानसा या मानसा से बरनाला की तरफ जाने वाला सारा हैवी ट्रैफिक बाहर से ही निकल जाएगा तो शहर के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से सामना नहीं करना पड़ेगा। इस रोड़ के निर्माण पर 95 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। मगर इसका काम भी लेबर की कमी के कारण लटक गया है। बेशक यह रोड बनाने के लिए ठेकेदार द्वारा किसी न किसी ढंग से लेबर का इंतजाम किया जा रहा है। लेकिन रिग रोड के तहत बनने वाले अंडरब्रिज का काम रेलवे के कारण प्रभावित हो सकता है। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अमूल्य गर्ग का कहना है कि इसका काम जल्द ही पूरा होगा। मगर रिग रोड का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद शहर के लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। रेलवे के साथ भी टाइअप किया जाएगा। रेलवे स्टेशन पर एस्केलेटर लगाने का काम लटका
रेलवे स्टेशन के ओवरब्रिज पर स्टेशन के दोनों तरफ के एंट्री प्वाइंट पर एस्केलेटर लग रहे हैं। इसका काम भी कोरोना वायरस के कारण कुछ समय के लिए प्रभावित हो गया था। बेशक अब इसको फिर से शुरू कर दिया गया है। लेकिन अब तक यह काम पूरा हो जाना था, जो लेबर की कमी के कारण लटक गया है। हालांकि जब इसको शुरू किया था तो तीन महीनों में पूरा करने का टारगेट था। रेलवे स्टेशन पर एक प्रताप नगर साइड की सेकंड एंट्री तो दूसरा माल गोदाम की तरफ बनाए गए फुट ओवरब्रिज की सीढि़यों के साथ लगाया जाना है। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1-2 पर भी लिफ्ट लगने की मंजूरी मिली है, जिसका काम भी शुरू होना है।