धार्मिक स्थलों में जाने से भी कतरा रहे श्रद्धालु
भगवान के घर के द्वार खुले हैं लेकिन श्रद्धालु गायब हैं।
संस, बठिडा : भगवान के घर के द्वार खुले हैं लेकिन श्रद्धालु गायब हैं। कोरोना के कारण लोगों ने धार्मिक स्थलों से भी दूरी बना ली है। बीती आठ जून से सभी धार्मिक स्थान खोलने की इजाजत दे दी गई और वीकेंड लॉकडाउन से भी धार्मिक स्थलों को छूट है। श्रद्धालुओं के आने जाने पर भी कोई रोक नहीं है। इसके बावजूद श्रद्धालु मंदिरों और गुरुद्वारों में जाने से कतरा रहे हैं, हालांकि मंदिरों व गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। मंदिरों में व गुरुद्वारा में सिक्योरिटी गार्ड द्वारा पहले ही श्रद्धालुओं के हाथ धुला दिए जाते हैं, वहीं अंदर जाकर करीब छह फुट की दूरी के निशान बनाए गए हैं। इसके बावजूद लोगों के मन में कोरोना का खौफ इतना बैठ गया है कि मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आ गई है। जबकि पहले सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु देखने को मिलते थे, लेकिन इस समय धार्मिक स्थलों में करीब तीस प्रतिशत श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं। मंदिर कमेटियों को भी मंदिरों से ज्यादा कमाई नहीं हो रही है। मंदिरों में सन्नाटा छा गया है। शारीरिक दूरी के लिए बनाए गए हैं निशान मंदिरों व गुरुद्वारों में कोविड के खतरे को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं। धार्मिक स्थलों के बाहर करीब छह फुट की दूरी पर निशान बना दिए गए हैं। मंदिरों में अंदर जाते ही सिक्योरिटी गार्ड द्वारा श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज किए जाते हैं, वहीं गुरुद्वारों में पानी की टंकी भी लगा दी गई। श्रद्धालुओं को बाहर से हाथ धोकर अंदर आने दिया जाता है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को निशान के हिसाब से अंदर आने दिया जाता है। सभी श्रद्धालुओं में दूरी बनाना अनिवार्य किया गया है। फोटो- 31
शारीरिक दूरी का रखा जाता है ध्यान हाथी वाला मंदिर के पुजारी शंकर शर्मा ने मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है। हालांकि मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुाओं की शारीरिक दूरी का ख्याल भी रखा जाता है। श्रद्धालुओं को किसी भी मूर्ति को छूने की इजाजत भी नहीं दी गई है। फिर भी मंदिरों में श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि लोग भगवान के घर जाने से डर रहे हैं।
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पहले आते थे सैकड़ों श्रद्धालु प्राचीन शिव मंदिर के सेवादार राम प्रकाश गौतम ने बताया कि पहले मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस समय रोजाना 10 से 15 श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं। मंदिरों में पुजारियों को सैनिटाइजर दिया गया है, ताकि वह श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज करवा सके। फिर भी श्रद्धालु कोरोना के डर से पहुंच नही रहे हैं।