चुनाव आचार संहिता ने रोका फोकल प्वाइंट का विकास
बठिडा की डबवाली रोड स्थित फोकल प्वाइंट में होने वाले विकास कार्यों पर चुनाव आचार संहिता ने रोक लगा दी है।
जासं, बठिडा : बठिडा की डबवाली रोड स्थित फोकल प्वाइंट में होने वाले विकास कार्यों पर चुनाव आचार संहिता ने रोक लगा दी है। इसके लिए 3.52 करोड़ रुपये के दो टेंडर जारी होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। जबकि पंजाब सरकार ने भी यहां पर होने वाले काम की रिपेयर के लिए फंड जारी करने पर भी एक बार रोक लगा दी है। यहां पर 3.11 करोड़ रुपये का एक टेंडर जारी हुआ है, जिसके साथ सीवरेज कनेक्टिविटी, सड़कें व स्ट्रीट लाइटों का निर्माण होना है, तो दूसरा टेंडर 42 लाख रुपए का जारी हुआ है, जिसके साथ यहां पर पानी की डिग्गियों का काम होना है। लेकिन इनका काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। दूसरी तरफ यहां पर लगे हुए आरओ का कनेक्शन भी 70 हजार रुपये बिजली का बिल अदा न करने के कारण काट दिया गया है। इसके चलते अब गर्मी के मौसम में इंडस्ट्रियलिस्ट को परेशान होना पड़ रहा है। जबकि यहां पर काफी लंबे समय से समस्याएं चल रही हैं, जिनकी तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, बल्कि हर बार भरोसा देकर काम चला दिया जाता है।
फोकल प्वांइट में पीने के पानी की ने कमी इंडस्ट्रिलिस्टों व वहां काम कर रही लेबर का बुरा हाल कर दिया है। बिजली का बिल अदा न होने से कनेक्शन कट जाने के कारण गर्मी में इंडस्ट्रिलिस्टों की परेशानी बढ़ गई है और पानी की प्राइवेट सर्विस पर निर्भर होने के कारण रोजाना हजारों रुपए सिर्फ पीने वाले पानी पर खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि फोकल प्वाइंट में पीएसआईडीसी द्वारा इंडस्ट्री को साफ पानी की सप्लाई देने के लिए प्राइवेट आरओ स्थापित किया गया था, जो करीब 120 इंडस्ट्रियों में काम कर रहे एक हजार से ज्यादा लोगों को पानी की सप्लाई करता था। वर्तमान में हर इंडस्ट्री एक हजार रुपये के करीब प्रतिदिन आरओ पानी का भुगतान कर रही है।
न्यू फोकल प्वाइंट में करीब छह माह पहले वाटर वर्क्स का कनेक्शन देने के लिए पीएसआईडीसी द्वारा करीब 1.5 किलोमीटर लंबी लाइन का काम अवार्ड हुए कई माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पाइपें नहीं मिलने के चलते काम शुरू नहीं हो सका है। 50 लाख से अधिक के इस काम में वाटर वर्क्स का पानी न्यू फोकल प्वाइंट की पानी की डिग्गियों में आना था, लेकिन अभी तक काम शुरू ही नहीं हो सका है। इंडस्ट्री को-ऑर्डिनेटर सुखविदर जग्गी ने कहा कि कम से कम आरओ को चलाना पीएसआईडीसी की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन वह भी तीन माह से नहीं चलाया जा सका। इंडस्ट्री हर रोज पानी पर ही हजारों रुपये बेवजह खराब कर रही है।