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दूसरी बार पेश नहीं हुई डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसा

नई एसआइटी को डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधकों द्वारा सहयोग नहीं दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 12:11 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:14 AM (IST)
दूसरी बार पेश नहीं हुई डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसा
दूसरी बार पेश नहीं हुई डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसा

जासं ,बठिडा : मौड़ बम ब्लास्ट मामले की नए सिरे से जांच के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों

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पर एडीजीपी ईश्वर सिंह की अगुआई में गठित नई एसआइटी को डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रबंधकों द्वारा सहयोग नहीं दिया जा रहा है। एसआइटी की तरफ से डेरा चेयरपर्सन विपासना इंसा को उनके समक्ष पेश होने के आदेश दिए, लेकिन यह दूसरी बार हुआ है, जब विपासना पेश नहीं हुई, जबकि इससे पहले एसआइटी की तरफ से नोटिस भेजकर 15 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन तब वह स्वयं पेश होने के बजाएं डेरे के अन्य प्रतिनिधियों को भेजा था। इसके बाद एसआइटी ने दोबारा नोटिस भेजकर 23 जनवरी को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह दोबारा नहीं पहुंची। बताया जा रहा है कि विपासना स्वयं पेश होने की बजाय अपने एडवोकेट भेजा था। फिलहाल डेरा प्रबंधकों की तरफ से जांच में सहयोग नहीं करने से जांच पूरी नहीं हो पा रही है, जबकि 30 जनवरी को हाई कोर्ट में इस मामले में नई एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर सुनवाई होनी है।

उधर, ब्लास्ट के मृतक बच्चों की आत्मिक शांति के लिए श्री विश्वकर्मा मंदिर में वीरवार सुबह पाठ प्रारंभ होंगे, जोकि 31 जनवरी को सुबह 9 बजे घटना स्थल पर पाठ का भोग डाल मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। मौड़ ब्लास्ट कांड में एसआईटी को तीन नामजद आरोपितों के बारे में जानकारी हासिल करनी थी और उनकी प्रापर्टी का ब्योरा लेना था। जब से इस मामले से जुड़े तीन आरोपित गुरतेज सिंह,अमरीक सिंह व अवतार सिंह को पुलिस ने नामजद किया है, तभी से वह गायब है। पुलिस ने इन तीनो के स्कैच भी जारी किए थे और लोगों से इनकी सूचना देने की अपील की थी, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस अब इन तीनों नामजद आरोपियों की संपति को कुर्क करना चाहती है, जिस लिए उन्हे डेरा प्रबंधकों के सहयोग की जरूरत है। यही नहीं जिस कार से बम विस्फोट किया था। माना जा रहा है कि वह डेरे में ही तैयार की गई थी। तीनों नामजद आरोपित डेरा मुखी के करीबी बताए जाते हैं, लेकिन उनके गायब होने से स्थिति रहस्यमयी बनती जा रही है। एसआइटी इस मामले में डेरा प्रबंधकों से भी पूछताछ करना चाहती है, जिसके चलते जिले का एक डीएसपी के जरिए दो बार डेरे को नोटिस भेजा गया है, लेकिन पुलिस को कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा है।


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