इस दीवाली डिजाइनर दीयो से सजाएं अपना घर
दीवाली का पर्व दीयों के बिना नहीं मनाया जाता क्योंकि दीयों के बिना रोशनी अधूरी सी लगती है।
संस, बठिडा : दीवाली का पर्व दीयों के बिना नहीं मनाया जाता, क्योंकि दीयों के बिना रोशनी अधूरी सी लगती है। माना जाता है कि अगर घर के दरवाजे पर भी दीये न हो तो मां लक्ष्मी जी उस चौखट पर नहीं रुकती। इसलिए दीये हर घर में जलते हैं। जमाने का साथ मिट्टी के दीयों में भी काफी बदलाव आ गए हैं। अब साधारण नहीं रहे। मार्केट में विभिन्न प्रकार के डिजाइनर दीये उपलब्ध हैं। मिट्टी के दीयों में भी विभिन्न प्रकार के डिजाइन मिल रहे हैं। जबकि कोरोना के चलते चाइना के दीयों मार्केट में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे। वहीं मोमबत्तियां भी रंगीन रोशनी देती दिखाई देंगी। गांधी मार्केट, ऐसी मार्केट, माल रोड पर डिजाइनर दीये मिल रहे हैं। इनमें मिट्टी, प्लास्टिक व मोम के दीयों में कई तरह के आकर्षक डिजाइन हैं। मिट्टी के दीयों में फूलों के शेप से लेकर स्क्वायर, गोल, ट्राइंगल, स्टार शेप आदि आकर्षित करते हैं। दिये बेचने वाली संतोश ने बताया कि जैल, मोम व मिट्टी के दीये चलन में हैं। सिपल दीयों के साथ राजस्थान के दीयों की काफी डिमांड है। लाजवाब मोमबत्तियां : इस बार सुंदर व आकर्षित मोमबत्तियां भी दिखाई दे रही है। जोकि काफी कलरफुल है। दुकानदारों के अनुसार कुछ मोमबत्तियां ऐसी भी हैं जिन्हें घर के अंदर सुंदर तरीके से सजाया जा सकता है। इनमें गुलाब के फूल, वैक्स मोमबत्तियों के अलावा लोगों को जैल मोमबत्तियां ज्यादा लुभा रही हैं। जैल मोमबत्तियां कांच के ग्लास में होती हैं, जो शो पीस का काम भी करती हैं।
रंगीन रोशनी : दीवाली घर कलरफुल रोशनी में नहाने वाला है। बाजार मार्केट में रंग-बिरंगी लाइटें हैं। रेड, ग्रीन, ब्लू, येलो, पिक, पर्पल आदि लाइटें मनचाहे दामों में उपलब्ध हैं। दुकानदारों का कहना है कि तरह-तरह के डिजाइन में घर-ऑफिस सजाने के लिए ये लाइटें खूब पसंद की जाती हैं।