Move to Jagran APP

डीडीआरसी को आइसोलेशन वार्ड में किया तब्दील

जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण जिले का एकमात्र डिस्ट्रिक्ट डिसेबिलिटी रिहेबिलिटेशन सेंटर (डीडीआरसी ) को बंद कर उसकी जगह पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 09:35 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 09:35 PM (IST)
डीडीआरसी को आइसोलेशन वार्ड में किया तब्दील
डीडीआरसी को आइसोलेशन वार्ड में किया तब्दील

जासं,बठिडा : जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण जिले का एकमात्र डिस्ट्रिक्ट डिसेबिलिटी रिहेबिलिटेशन सेंटर (डीडीआरसी ) को बंद कर उसकी जगह पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। इस सेंटर को बंद करने का मुख्य कारण पूर्व एक साल से सरकार की ओर से फंड जारी नहीं करना है। ऐसे में डीडीआरसी में रजिस्ट्रेशन करवा चुके दिव्यांग मरीजों को कृत्रिम अंग भी नहीं मिल रहे है।

loksabha election banner

हालात यह है कि इस सेंटर से प्रतिदिन 15 से 20 दिव्यांग लोग फायदा ले रहे थे, लेकिन अब उन्हें कृत्रिम अंग व अन्य सुविधा लेने के लिए फरीदकोट स्थित मेडिकल कालेज जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सेंटर की देखरेख जिला रेडक्रास सोसायटी करती है। यह प्रदेश का ऐसा एकमात्र सेंटर है जहां कृत्रिम अंग बनाए जाते है। फंड न मिलने के कारण पिछले कई महीनों से यहां पर कृत्रिम अंग आदि बनाने का सामान तक नहीं आया। इस कारण यहां का स्टाफ सिर्फ मरीजों का ब्यौरा दर्ज कर उन्हें सामान आने तक इंतजार करने की बात कहकर लौटा रहा है।

इस डीडीआरसी सेंटर में रोजाना इस योजना का लाभ लेने के लिए करीब 15 से 20 दिव्यांग मरीजों की ओपीडी है। 2019 में आया था 2018 का फंडडीडीआरसी में फंड बहुत देरी से पहुंच रहा है। सेंटर के आंकड़ों के अनुसार साल 2018 का फंड फरवरी 2019 में आया। जिस कारण फरवरी से अब तक स्टाफ को वेतन तक नहीं मिल पाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.