सीयूपीबी के दो शिक्षकों को मिलीं अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं
सीयूपीबी के शिक्षकों ने दो अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं प्राप्त करके एक और मील पत्थर हासिल किया है।
जासं,बठिडा: भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए शोध उन्मुख नए ज्ञान का सृजन करने और एनईपी-2020 में परिकल्पित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कार्य करते हुए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिडा (सीयूपीबी) के शिक्षकों ने दो अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं प्राप्त करके एक और मील पत्थर हासिल किया है। विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग से डा. सुरेंद्र कुमार शर्मा और आर्थिक अध्ययन विभाग से डा. संदीप कौर ने क्रमश: नैनो विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में एक-एक अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान परियोजना प्राप्त करते हुए इस उपलब्धि में योगदान दिया है।
सीयूपीबी के भौतिकी विभाग के सह आचार्य डा. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार और स्लोवेनियाई अनुसंधान एजेंसी, स्लोवेनिया द्वारा वित्त पोषित भारत-स्लोवेनिया द्विपक्षीय वैज्ञानिक तकनीकी सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत नैनो विज्ञान विषय में एक संयुक्त शोध परियोजना की स्वीकृति प्राप्त की है। इस परियोजना का शीर्षक 'इन्वेस्टीगेशन आफ फेर्रीमैग्नेटिक वोर्टेक्स आयरन आक्साइड बेस्ड नैनोपार्टिकल फार मैग्नेटिक ह्यपरथरमिआ एप्लिकेशन्स' है। इस परियोजना के तहत डा. सुरेंद्र कुमार शर्मा (सीयूपीबी, भारत) कैंसर के इलाज के लिए पूरक थर्मल थेरेपी (वर्तमान कीमोथेरेपी का एक विकल्प) विकसित करने के लिए डा. डार्को माकोवेक, सामग्री संश्लेषण विभाग, जोसेफ स्टीफन इंस्टीट्यूट, स्लोवेनिया, के साथ संयुक्त शोध कार्य करेंगे। यह परियोजना तीन वर्ष की अवधि के लिए है और इस कार्यकाल में डीएसटी द्वारा शोधकर्ताओं को लगभग 15 लाख रुपये का वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत इस शोध को आगे बढ़ाने के लिए आगामी तीन वर्षों में भारतीय और स्लोवेनियाई शोधकर्ताओं के 15-30 दिनों के (भारतीय शोधकर्ताओं के लिए 6 और स्लोवेनियाई शोधकर्ताओं के लिए 6) कुल 12 दौरे होंगे।
वहीं सीयूपीबी के आर्थिक अध्ययन विभाग के सह आचार्य डा. संदीप कौर को सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में आइसीएसएसआर (भारत)-एनआइएचएसएस (दक्षिण अफ्रीका) संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम के अंतर्गत संयुक्त अनुसंधान परियोजना प्राप्त हुई है। इस परियोजना का शीर्षक 'महिला, सामाजिक नवाचार और उद्यमिता: भारत और दक्षिण अफ्रीका में संभावनाएं' है। दो वर्ष अवधि की इस परियोजना में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के डा. संदीप कौर तथा तशवणे प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, प्रिटोरिया के प्रो. मम्मो मुची के साथ संयुक्त रूप से शोध करेंगी। इस कार्यकाल में दोनों प्रमुख अन्वेषक एक-दूसरे के स्थानों की यात्रा करेंगे तथा संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों में सहभागिता सुनिश्चित करेंगे जिसमें सामाजिक उद्यमिता के अंतर्गत नवाचार को समझने के लिए भारतीय और दक्षिण अफ्रीका का एक क्षेत्र सर्वेक्षण शामिल है। इस परियोजना के दौरान अन्वेषक परियोजना विषय पर एक कार्यशाला/सम्मेलन आयोजित करेंगे। आइसीएसएसआर ने उपरोक्त संयुक्त अनुसंधान परियोजना के लिए 13.7 लाख रुपये की सहायता अनुदान की स्वीकृति प्रदान की है।
कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने दोनों शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय संयुक्त अनुसंधान सहयोग परियोजना की स्वीकृति न केवल हमारे वैज्ञानिकों को विभिन्न सामाजिक समस्याओं के लिए अभिनव समाधान विकसित करने में मदद करेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए विश्वविद्यालय की ²ष्टि को साकार करने में भी सहायक सिद्ध होगी।