सड़क हादसे में दंपती और बेटी की मौत
शनिवार सुबह जिले के गांव कोटड़ा कलां के पास एक कार बेकाबू होकर खंबे से टकरा गई जिससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।
संसू, मानसा: शनिवार सुबह जिले के गांव कोटड़ा कलां के पास एक कार बेकाबू होकर खंबे से टकरा गई, जिससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। यह परिवार बठिडा से सुनाम एक शादी समागम में जा रहा था। थाना भीखी की पुलिस ने अज्ञात कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
जानकारी अनुसर बठिडा गणपति इन्क्लेव वासी गौरव कुमार, उसकी पत्नी प्रियका, पुत्री गाबिया, चंद्र प्रकाश व आशा रानी अपनी कार में सुनाम में होने वाले शादी समागम में शामिल होने के लिए जा रहे थे कि भीखी के पास गांव कोटड़ा कलां में अचानक उनकी कार के सामने कैंटर आ गया, जिससे कार बेकाबू होकर खंबे से टकरा गई। गौरव कुमार, उसकी पत्नी प्रियका व पुत्री गाबिया की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके पिता चंद्र प्रकाश, माता आशा रानी गंभीर रूप में घायल हो गए, जिनको उपचार के लिए बठिडा दाखिल करवाया गया। जांच अधिकारी सहायक थानेदार कुलवंत सिंह ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल मानसा भेज दिए गए हैं और पुलिस ने चंद्र प्रकाश के भतीजे राजेश कुमार के बयान पर अज्ञात कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर कैंटर को कब्जे में लिया गया है।
इकलौते बेटे, बहू और पोती के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए चंद्र प्रकाश बठिडा की दाना मंडी में आढ़त और होलसेल किरयाने का काम करने वाले प्रकाश चंद शनिवार सुबह अपने पत्नी, बेटे, बहू और पोती के साथ कार में सवार होकर सुनाम में रहने वाले एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे। खुशी-खुशी अपने हंसते खेलते परिवार के साथ घर से निकाले प्रकाश चंद को क्या पता था कि यह खुशियां चंद मिनटों की मोहताज हैं। अगले ही पल उनके घर पर मातम छायने वाला है। परिवार के इकलौते बेटे, बहू और पोती की मौत के बाद पूरी गणपति इनक्लेव कालोनी में मातम छाय गया। शनिवार को गौरव कुमार, उसकी पत्नी प्रियका व पुत्री गाबिया के शव पोस्टमार्टम करवाकर दोपहर बठिडा लाए गए, जहां पर एक साथ तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। दुख की बात यह रही कि मृतक बेटे, बहू और पोती की चिता को अग्नि तक नहीं दे पाए, क्योंकि उसके पिता व मां दोनों ही अस्पताल में भर्ती हैं। दो बहनों का इकलौता भाई था गौरव अपने पिता प्रकाश चंद के साथ आढ़त का काम करने वाला 30 वर्षीय गौरव कुमार अपने परिवार में इकलौता बेटा था, जबकि उसकी दो बहनें हैं। इसमें एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी बहन गौरव से छोटी थी। गौरव की दो साल पहले ही शादी हुई थी और उसकी दस माह की एक बेटी थी। पड़ोसियों का कहना है कि पूरा परिवार का अच्छा सभव था।गौरव व उसके पिता मिलन सारे आदमी थी।